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लव जिहाद पर भूपेंद्र सरकार करेगी प्रहार, प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की स्वीकृति अनिवार्य करने पर विचार

धर्मांतरण को लेकर सख्‍त कानून बनाने के बाद अब गुजरात सरकार प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की स्वीकृति को अनिवार्य कर लव जिहाद पर एक और प्रहार करने के मूड में है। पाटीदार समाज ने लडकियों के प्रेम विवाह की घटनाओं के बाद सरकार के समक्ष ऐसी मांग रखी है। गुजरात सरकार राज्‍य में प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की स्वीकृति को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 31 Jul 2023 08:24 PM (IST)
लव जिहाद पर भूपेंद्र सरकार करेगी प्रहार, प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की स्वीकृति अनिवार्य करने पर विचार
लव जिहाद पर भूपेंद्र सरकार करेगी प्रहार। प्रतीकात्मक फोटो।

अहमदाबाद, जेएनएन। धर्मांतरण को लेकर सख्‍त कानून बनाने के बाद अब गुजरात सरकार प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की स्वीकृति को अनिवार्य कर लव जिहाद पर एक और प्रहार करने के मूड में है। पाटीदार समाज ने लडकियों के प्रेम विवाह की घटनाओं के बाद सरकार के समक्ष ऐसी मांग रखी है।

माता-पिता की स्वीकृति को अनिवार्य करने पर विचार जारी

गुजरात के मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र पटेल सरकार राज्‍य में प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की स्वीकृति को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। पाटीदार सम्‍मेलन में मुख्‍यमंत्री ने आजादी के बाद बख्शिश में मिली जमीनों के मालिकी हक किसानों को देने के लिए दस्‍तावेज की मंजूरी देने का भी ऐलान किया।

स्‍नेह मिलन समारोह में लोगों ने की मांग

उत्‍तर गुजरात के मेहसाणा में सरदार पटेल ग्रुप एसपीजी की ओर से आयोजित स्‍नेह मिलन समारोह में पाटीदार समाज की विविध संस्‍थाओं व समाज के लोगों ने प्रेम विवाह के संबंध में माता- पिता की रजामंदी को वैधानिक बनाने की मांग की।

संविधान के जानकार से चर्चा करेगी सरकार

मुख्‍यमंत्री पटेल ने बताया कि सरकार प्रेम विवाह के लिए पंजीकरण में माता-पिता के हस्‍ताक्षर को अनिवार्य करने पर विचार करेगी, साथ ही मुख्‍यमंत्री ने कहा कि यह संविधान सम्‍मत हो और संविधान इसमें किसी तरह बाधक नहीं हो इसको लेकर सरकार संविधान के जानकार लोगों से चर्चा करेगी।

पाटीदार समाज ने सरकार से लगाई गुहार

गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने वर्ष 2003 में पहली बार धर्मांतरण के लिए जिला प्रशासन की मंजूरी अनिवार्य की थी। अप्रेल 2021 में इसमें संशोधन कर इसे गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन अमेंडमेंट एक्‍ट 2021 नाम दिया गया। उल्‍लेखनीय है कि बीते कुछ साल में विधर्मी युवकों द्वारा हिंदू समाज की युवतियों को भगाकर प्रेम विवाह करने के मामले सामने आए, इसके बाद पाटीदार समाज ने इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार के समक्ष गुहार लगाई।