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'दोषियों के सरेंडर की अभी जानकारी नहीं', Bilkis Bano के दोषी कब जाएंगे फिर से जेल, पुलिस अधिकारी ने दी अहम जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्‍ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की विशेष पीठ ने फैसला सुनाते हुए गुजरात हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया। वहीं दाहोद में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि उन्हें बिलकिस बानो (Bilkis Bano) सामूहिक यौन उत्पीड़न मामले में 11 दोषियों के आत्मसमर्पण के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 10 Jan 2024 09:18 AM (IST)
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बिलकिस बानो के दोषियों को लेकर दाहोद के पुलिस अधीक्षक ने अहम जानकारी दी।(फोटो सोर्स: जागरण)
पीटीआई, दाहोद। बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्‍ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की विशेष पीठ ने फैसला सुनाते हुए गुजरात हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया। वहीं, कोर्ट ने सभी दोषियों को दो सप्ताह के भीतर वापस जेल भेजने का आदेश दिया। दोषियों को फिर से कब जेल भेजा जाएगा इसपर काफी चर्चा हो रही है। 

दोषियों से अबतक नहीं हो सकी संपर्क: पुलिस अधिकारी

इसी बीच दाहोद में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि उन्हें बिलकिस बानो (Bilkis Bano) सामूहिक यौन उत्पीड़न मामले में 11 दोषियों के आत्मसमर्पण के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में दोषी रहते हैं वहां शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात है।

दाहोद के पुलिस अधीक्षक बलराम मीना ने मंगलवार को कहा कि दोषी हालांकि संपर्क में नहीं हैं और उनमें से कुछ अपने रिश्तेदारों से मिलने आए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को लगाई फटकार

2002 में गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों के बाद भागते समय 21 साल की और पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ यौन उत्पीड़न किया गया था। हिंसा में उनकी तीन साल की बेटी और परिवार के छह अन्य सदस्य मारे गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुजरात सरकार को अपने विवेक का दुरुपयोग करने के लिए फटकार लगाते हुए 11 दोषियों को दी गई छूट को रद्द कर दिया है।

पुलिस अधिकारी बलराम मीना ने कहा, ''पुलिस को उनके (अपराधियों) आत्मसमर्पण के संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है और हमें उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रति नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि दोषी सिंगवाड तालुका के मूल निवासी हैं। इस इलाकों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोमवार सुबह से ही पुलिस तैनात की गई है।

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