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Donkey Flight Case: मानव तस्करी के आरोप में 14 एजेंटों पर मामला हुआ दर्ज, पुलिस कर रही मामले की जांच

भारतीयों को लेकर निकारागुआ जाने वाले विमान को फ्रांस में रोके जाने और बाद में वापस भारत भेजे जाने के कुछ सप्ताह बाद गुजरात पुलिस ने गुजरात से 60 से अधिक लोगों को मैक्सिको सीमा के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका भेजने की कोशिश करने के लिए मानव तस्करी के आरोप में 14 एजेंटों पर मामला दर्ज किया है। इसकी जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Sat, 13 Jan 2024 03:36 PM (IST)
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Donkey Flight Case: मानव तस्करी के आरोप में 14 एजेंटों पर मामला हुआ दर्ज
पीटीआई, अहमदाबाद। भारतीयों को लेकर निकारागुआ जाने वाले विमान को फ्रांस में रोके जाने और बाद में वापस भारत भेजे जाने के कुछ सप्ताह बाद, गुजरात पुलिस ने गुजरात से 60 से अधिक लोगों को मैक्सिको सीमा के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका भेजने की कोशिश करने के लिए मानव तस्करी के आरोप में 14 एजेंटों पर मामला दर्ज किया है। इसकी जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।

गुजरात सीआईडी-अपराध और रेलवे की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इनमें से अधिकांश एजेंट गुजरात के हैं, उनमें से कुछ दिल्ली, मुंबई और दुबई के हैं।

प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में नामित एजेंटों में दिल्ली के जोगेंद्र उर्फ जग्गी पाजी और जोगिंदर मानसराम, मुंबई के राजा भाई और राजू पांचाल और दुबई के सलीम शामिल हैं।

इसमें कहा गया, अन्य आरोपी चंद्रेश पटेल, किरण पटेल, भार्गव दर्जी, संदीप पटेल, पीयूष बारोट, अर्पितसिंह जाला, बीरेन पटेल, जयेश पटेल और सैम पाजी हैं।

उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 370, सबूत नष्ट करने (धारा 201) और आपराधिक साजिश (धारा 120-बी) के तहत मानव तस्करी के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सीआईडी (अपराध और रेलवे), एसपी राजकुमार ने कहा, जांच से पता चला कि इन एजेंटों ने गुजरात के यात्रियों को लैटिन अमेरिकी देश (निकारागुआ) पहुंचने के बाद 60 लाख रुपए-80 लाख रुपए में अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने में मदद करने का वादा किया था।

उन्होंने कहा, यह भी पता चला कि फ्रांस में रोकी गई इस उड़ान से पहले, अमेरिका, मैक्सिको, निकारागुआ, दुबई और दिल्ली में रहने वाले मुख्य एजेंटों के साथ मिलकर काम करने वाले इन एजेंटों ने अकेले दिसंबर में तीन अलग-अलग बैचों में कई लोगों को निकारागुआ भेजा था।

राजकुमार ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, गुजरात के यात्रियों के बयानों के आधार पर, हमने मानव तस्करी के लिए 14 एजेंटों की पहचान की है और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। चूंकि उन्होंने यात्रियों को अपने मोबाइल फोन से ऑडियो फाइलें और अन्य यात्रा-संबंधी सामग्री हटाने के लिए मजबूर किया था, इसलिए हमने धारा 201 भी जोड़ दी है। प्रत्येक यात्री अमेरिका पहुंचने के बाद ही इन एजेंटों को ₹ 60 लाख से ₹ 80 लाख का भुगतान करने के लिए सहमत हुआ था।

पिछले महीने मानव तस्करी के संदेह में 260 भारतीयों को लेकर निकारागुआ जाने वाले विमान को चार दिनों के लिए फ्रांस में रोक दिया गया था। वापस भेजे जाने के बाद यह 26 दिसंबर की सुबह मुंबई में उतरा। इन भारतीयों में गुजरात के 66 लोग शामिल थे, जिनसे संदिग्ध मानव तस्करी की साजिश की जांच के लिए सीआईडी ने पूछताछ की थी।

राजकुमार ने कहा, एजेंटों ने यात्रियों से कहा था कि उनके आदमी उन्हें निकारागुआ से मैक्सिको में अमेरिकी सीमा तक ले जाएंगे और फिर उन्हें सीमा पार करने में मदद करेंगे। यह भी पता चला कि एजेंटों ने इन यात्रियों के लिए हवाई टिकट बुक किए थे।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि एजेंटों द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार, ये 66 यात्री 10 से 20 दिसंबर के बीच अहमदाबाद, मुंबई और दिल्ली से वैध पर्यटक वीजा पर दुबई पहुंचे।

एजेंटों के निर्देशानुसार, ये यात्री 21 दिसंबर को फ़ुजैरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक निजी एयरलाइन के निकारागुआ जाने वाले विमान में सवार हुए।

चार्टर्ड उड़ान, जो रोमानियाई चार्टर कंपनी लीजेंड एयरलाइंस द्वारा संचालित की गई थी और निकारागुआ के लिए जा रही थी, 21 दिसंबर को दुबई से तकनीकी स्टॉपओवर के लिए पेरिस के पास वैट्री में उतरी जब फ्रांसीसी पुलिस ने हस्तक्षेप किया।

राजकुमार ने कहा, अब तक की जांच से पता चला है कि सभी फ्लाइट बुकिंग दिल्ली स्थित एजेंटों द्वारा की गई थीं और कुछ भी गलत होने पर वे अपने वकील भी तैयार रखते थे।

अधिकारी ने कहा, उस फ्लाइट में पंजाब के करीब 200 लोग थे, जबकि 66 गुजरात के थे। हमें पता चला कि ये यात्राएँ मुख्यतः पंजाबियों के लिए हैं। यदि उन्हें समायोजित करने के बाद उड़ान में कुछ सीटें खाली रह जाती हैं, तो दिल्ली के एजेंट गुजरात स्थित एजेंटों से ऐसे लोगों की व्यवस्था करने के लिए कहते हैं जो उनके सेटअप के माध्यम से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए भुगतान करने को तैयार हों।

उन्होंने कहा, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और जल्द ही सभी 14 एजेंटों के खिलाफ लुक-आउट सर्कुलर जारी किया जाएगा। एजेंटों ने पंजाब के यात्रियों को खुद को खालिस्तानी के रूप में पहचानने और अमेरिकी पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर अमेरिका में शरण लेने का निर्देश दिया। अन्य यात्रियों के लिए कहानी अलग होगी। अमेरिका में सरकार शरण चाहने वालों को मानवीय आधार पर काम करने की अनुमति देती है।

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