Gujarat: अंबाजी में मोहनथाल की जगह चिक्की प्रसाद बने रहेंगे, सरकार ने किया स्पष्ट
पवित्र तीर्थ स्थल अंबाजी में मोहनथाल के महाप्रसाद की जगह चिक्की प्रसाद शुरू करने का मामला पिछले कुछ दिनों से जोर पकड़ रहा है। अम्बाजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्रसाद में पोष्टिक चिक्की प्रसाद का अंबाजी में वितरण शुरू किया गया है।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 11 Mar 2023 10:55 PM (IST)
संकेत पारेख, जेएनएन। पवित्र तीर्थ स्थल अंबाजी में मोहनथाल के महाप्रसाद की जगह चिक्की प्रसाद शुरू करने का मामला पिछले कुछ दिनों से जोर पकड़ रहा है। गुरजारत सरका के मंत्री ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है। सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि अंबाजी में श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अंबाजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से पौष्टिक और सेहतमंद चने का भोग लगाया गया।
मालूम हो कि तीर्थयात्रियों द्वारा यह भी सुझाव दिया गया था कि एक वर्ष में चार प्रकार के नवरात्रि, हर महीने की पूर्णिमा, आठवें और विभिन्न उपवास के दिनों में फराली प्रसाद होना चाहिए। ऐसी ही भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अम्बाजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्रसाद में पोष्टिक चिक्की प्रसाद का अंबाजी में वितरण शुरू किया गया है।
इस प्रसाद की चिक्की व्रत में भी खाई जा सकती है और लगभग 3 महीने तक अच्छी रहती है। यह प्रसाद चिक्की बाजार में मिलने वाली आम चिक्की की तरह नहीं है। इस प्रसाद की चिक्की हेल्दी पीनट बटर से बनाई जाती है। 3 महीने से अधिक समय तक चलने वाले इस चिक्की प्रसाद को नागरिकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। डीटी। 1 से 10 मार्च 2023 तक 1,26,865 चिक्की प्रसाद का वितरण किया गया है
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पहली बार ऑनलाइन दर्शन की सुविधा शुरू की गई थी। दुनिया के 27 देशों के 1.21 करोड़ श्रद्धालुओं ने इसका लाभ उठाया। दुनिया भर से भक्त अंबाजी में 'मां अंबा' के दर्शन के लिए आते हैं, जो 'मां अंबा' का प्रसाद वापस अपने वतन ले जाने की इच्छा रखते हैं। यह प्रसाद भक्तों द्वारा इसे सूखा और लंबे समय तक चलने के लिए बनाया जाता है।
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