Pirana Village: गुजरात के पीराणा गांव से मुस्लिमों के पलायन का दावा गलत, जानें-क्या है मामला
Pirana Village गुजरात के अहमदाबाद में पीराणा मस्जिद परिसर में दीवार बनाने के खिलाफ जब मुस्लिम सड़कों पर उतरे तो उस घटना का वीडियो गांव से पलायन का बताकर देश-विदेश में वायरल किया जा रहा है। यह पूरी तरह से गलत है।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Fri, 04 Feb 2022 09:12 PM (IST)
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात के अहमदाबाद जिले में पीराणा गांव स्थित पीर शाह बाबा की दरगाह आजकल विवादों में है। पीर शाह बाबा ट्रस्ट और सत्पथी समुदाय के लोग इस पर अपना-अपना दावा जता रहे हैं। पीराणा मस्जिद परिसर में दीवार बनाने के खिलाफ जब मुस्लिम सड़कों पर उतरे तो उस घटना का वीडियो गांव से पलायन का बताकर देश-विदेश में वायरल किया जा रहा है। यह पूरी तरह से गलत है। जिला प्रशासन की मंजूरी से सत्पथी संप्रदाय के लोगों ने मस्जिद और कब्रिस्तान को छोड़कर पुलिस की मौजूदगी में पिछले दिनों दीवार खींच ली। समुदाय के लोगों ने पीर शाह बाबा की मजार को हिंदू संत की समाधि बताते हुए उसके आसपास बनी कब्रों को भी हटा दिया। लेकिन प्रशासन ने उन्हें फिर बनवा दिया। दीवार के विरोध में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गत दिनों पीराणा में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। इसके वीडियो को पाकिस्तान समेत देश-विदेश में मुस्लिमों का पलायन बताते हुए वायरल किया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत है। विवाद दो धर्मों का नहीं, ट्रस्ट की 12 सौ करोड़ रुपये की संपत्ति का है। इसकी सालाना आय भी 10 से 12 करोड़ रुपये है। सत्पथी समुदाय के ट्रस्टी हर्षद पटेल बताते हैं कि यहां सदगुरु महाराज का मंदिर है।
जानें, किसने-क्या कहासामाजिक कार्यकर्ता कलीम सिद्दीकी के अनुसार, गांव में अधिकांश परिवार मुसलमानों के हैं। किसी परिवार ने यहां से पलायन नहीं किया है। दो ट्रस्टों का टकराव है। यहां हिंदुओं तथा मुसलमानों का कोई टकराव नहीं है। दोनों समुदाय इस ऐतिहासिक स्थल पर अपना-अपना दावा जताते हैं। विहिप के प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत बताते हैं कि पीराणा एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है। इससे सैयद समुदाय, रबारी समुदाय एवं सत्पथी संप्रदाय की आस्था जुड़ी है। मूल विवाद ट्रस्ट के संचालन को लेकर है। सत्पथी संप्रदाय ने प्रशासन की मंजूरी से अपने धार्मिक स्थल की दीवार बनवाई है, जिसका मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया। स्थानीय निवासी परवीन सैयद का कहना है कि यह स्थल दो धर्मो की आस्था का केंद्र है। लेकिन अब सत्पथी ट्रस्ट इसे मंदिर में तब्दील करना चाहता है। देश के किसी भी मंदिर में किसी औलिया की दरगाह नहीं है। यह इमाम पीर शाह बाबा की मजार है।
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