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अपने ही बिगाड़ेंगे दलबदलू नेताओं की गणित, हार्दिक, अल्पेश व जिग्नेश की सीटों पर फंसा पेंच

कांग्रेस से विधायक का चुनाव जीतकर भाजपा में शामिल हुए अल्पेश उपचुनाव में हार के बावजूद फिर बनासकांठा की राधनपुर सीट से दावेदारी कर रहे हैं उनके सामने ठाकोर समाज के दिग्गज एवं भाजपा नेता लविंगजी ठाकोर खडे हो गये हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 03 Nov 2022 09:39 PM (IST)
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गुजरात में विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दल व नेता कमर कस रहे हैं।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। गुजरात में विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दल व नेता कमर कस रहे हैं। वहीं आंदोलनकारी से नेता बने युवाओं को अपनों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर, जिग्नेश मेवाणी की राह में उनके ही समुदाय के लोग बाधक बन रहे हैं, इसका प्रमुख कारण है उनका दलबदल। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद मंत्री बने ब्रजेश मेरजा पुल हादसे के बाद से नई सीट तलाश रहे हैं।

हार्दिक पटेल अब भाजपा में शामिल

गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले पाटीदार आंदोलन से नेता बने हार्दिक पटेल अब भाजपा में शामिल होकर अहमदाबाद जिले की वीरमगाम सीट से दावेदारी जता रहे हैं। दिवाली व नूतन वर्ष की बधाई के बहाने हार्दिक केंद्रीय ग्रहमंत्री अमित शाह से मिलकर अपनी दावेदारी को मजबूत करते दिखे वहीं उसके अगले दिन हार्दिक के ही साथी आंदोलनकारी एवं भाजपा नेता वरुण पटेल ने भी शाह से मुलाकात कर वीरमगाम से दावेदारी ठोक दी।

भाजपा में शामिल हुए अल्पेश

कांग्रेस से विधायक का चुनाव जीतकर भाजपा में शामिल हुए अल्पेश उपचुनाव में हार के बावजूद फिर बनासकांठा की राधनपुर सीट से दावेदारी कर रहे हैं, उनके सामने ठाकोर समाज के दिग्गज एवं भाजपा नेता लविंगजी ठाकोर खडे हो गये हैं। ओबीसी एकता मंच व ठाकोर सेना के नाम से राजनीति कर रहे अल्पेश को अब समाज से ही चुनौती मिल रही है।

दलित नेता जिग्नेश मेवाणी बनासकांठा की ही वडगाम सीट से निर्दलीय विधायक चुने गये लेकिन अब वे गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बन गये हैं। कांग्रेस के ही पूर्व विधायक मणीभाई वाघेला अब भाजपा में शामिल होकर जिग्नेश के खिलाफ ताल ठोकने की तैयारी में हैं।

पंचमहाल के पूर्व भाजपा सांसद प्रभातसिंह चौहाण भी पार्टी से टिकट की उम्मीद नहीं होने के चलते गत दिनों कांग्रेस में शामिल हो गये लेकिन उन्हें भी अपने साथी एवं भाजपा सांसद रतनसिंह राठौड की चुनौती का सामना करना पडेगा।

मोरबी से विधायक एवं राज्य सरकार के मंत्री ब्रजेश मेरजा का पुल हादसे के बाद से मोरबी में विरोध बढ गया है, हादसे के दौरान बचाव कार्य में जुटे भाजपा के ही पूर्व विधायक कांतिलाल अम्रतिया आलाकमान की नजरों में छा गये हैं ऐसे में मेरजा को सीट बदलनी पड सकती है, वे टंकारा सीट से चुनाव लडने की जुगत में हैं। मेरजा व अम्रतिया दोनों एक ही पाटीदार समुदाय से आते हैं।

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