हाईकोर्ट का निर्णय आने तक दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना को मेधा पाटकर हमला प्रकरण में मिली राहत
हाईकोर्ट का निर्णय आने तक दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना को मेधा पाटकर हमला प्रकरण में राहत मिली है। बता दें गुजरात दंगों के बाद साबरमती आश्रम में सामाजिक कार्यकर्ता के साथ वी के सक्सेना भाजपा के अहमदाबाद शहर के विधायक अमित शाह युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक अमित ठाकर कांग्रेस नेता रोहित पटेल ने पाटकर का विरोध करते हुए उनके साथ यहां धक्का मुक्की की थी।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Mon, 10 Jul 2023 11:54 PM (IST)
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर हमला प्रकरण में गुजरात उच्च न्यायालय ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना को न्यायालय का निर्णय आने तक ट्रायल पर रोक लगा दी है। 21 साल पुराने मामले में निचली अदालत ने सक्सेना के खिलाफ ट्रायल शुरु किया था, सक्सेना ने यहां ट्रायल पर रोक की मांग की थी जिसे अस्वीकार कर दिया गया था लेकिन हाईकोर्ट ने सक्सेना को राहत दी है।
पाटकर ने अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट में सुनवाई की अर्जी दी थी
गुजरात दंगों के बाद 10 अप्रेल 2002 को साबरमती आश्रम में सामाजिक कार्यकर्ता के साथ वी के सक्सेना, भाजपा के अहमदाबाद शहर अध्यक्ष एवं विधायक अमित शाह, युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक अमित ठाकर, कांग्रेस नेता रोहित पटेल ने पाटकर का विरोध करते हुए उनके साथ यहां धक्का मुक्की की थी। करीब 20 साल बाद पाटकर अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट में इस मामले में सुनवाई की अर्जी दी थी, निचली अदालत ने दिल्ली के उपराज्यपाल सक्सेना व अन्य आरोपियों के खिलाफ ट्रायल शुरु कर दिया था।
सक्सेना की ओर से सरकारी वकील ने उपराज्यपाल को संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत इससे छूट की बात कहते हुए ट्रायल पर रोक की मांग की थी जिसे मेट्रो कोर्ट के मजिस्ट्रेट पी सी गोस्वामी ने गत 8 मई को ठुकरा दिया था। हाईकोर्ट में वकील जल उनवाला ने सक्सेना के खिलाफ ट्रायल पर रोक की अर्जी लगाई जिसे स्वीकारते हुए उनहें गत 23 मई को अंतरिम राहत दे दी थी।
अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सक्सेना के वकील ने अंतरिम राहत बढाने की मांग की जिसे उच्च न्यायालय ने इस मामले में हाईकोर्ट का निर्णय आने तक ट्रायल पर रोक लगा दी है। पाटकर के वकील आनंद याग्निक ने कोर्ट में बताया कि सक्सेना राज्यपाल नहीं हैं इसलिए उन्हें संविधान के तहत ट्रायल से छूट नहीं दी जा सकती है। इस मामले में अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।
उपराज्यपाल सक्सेना के अलावा अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ निचली अदालत में ट्रायल जारी रहेगी। इनके खिलाफ साबरमती पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 143 (अवैध रुप से एकत्र होने), धारा 321 (जानबूझकर किसी को नुकसान पहुंचाना), धारा 341 (हमलावर होना), 504 (भडकाने के इरादे से अपमान) व धारा 506 (आपराधिक धमकी) का मामला दर्ज है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।