Gujarat: पाटीदार आरक्षण आंदोलन में युवाओं के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले वापस लेने की उठी मांग
Gujarat Patidar Reservation Movement वर्ल्ड पाटीदार फेडरेशन के नेताओं ने राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मुलाकात कर पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान पाटीदार युवाओं के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे वापस लेने एवं गैर आरक्षित आयोग के बजट को बढ़ाने की मांग की।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Wed, 20 Jul 2022 01:44 PM (IST)
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान पाटीदार युवाओं के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे वापस लेने एवं गैर आरक्षित आयोग के बजट को बढ़ाने की मांग को लेकर वर्ल्ड पाटीदार फेडरेशन के नेता मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मिले।
गुजरात के पाटीदार समुदाय की विभिन्न संस्थाओं को एक छत्र तले लाने के लिए बनाई गई वर्ल्ड पाटीदार फेडरेशन से जुड़े पाटीदार नेताओं ने बुधवार को गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मुलाकात की। गुजरात में हुए आरक्षण आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में पाटीदार युवकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे।
पांच साल के बाद भी चल रहे हैं केस
राज्य सरकार ने आरक्षण आंदोलन के बाद हुए समझौते में आपराधिक मुकदमे वापस लेने की बात कही थी। करीब 5 साल बाद भी कई पाटीदार युवाओं के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं। वर्ल्ड पाटीदार फेडरेशन के नेता सीके पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री के समक्ष पाटीदार युवाओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग उठाई गई।गैर आरक्षित वर्ग के लिए बनाए गए आयोग का बजट 500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपए तक ले जाने की भी मांग इस बैठक में की गई। सी के पटेल ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से गैर आरक्षित वर्ग के लिए बनाया गया आयोग का कामकाज पूरी तरह ठप पड़ा है आयोग में कर्मचारियों की भर्ती नहीं किए जाने से कोई काम नहीं हो पा रहा है।
बजट को 1000 करोड़ तक बढ़ाने की भी मांगपाटीदार नेताओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष आयोग में कर्मचारियों की नियुक्ति करने के साथ इस के बजट को 1000 करोड़ रुपए तक बढ़ाने की भी मांग रखी। पाटीदार फेडरेशन के नेताओं में आरक्षण आंदोलन के दौरान भगवा रहे हार्दिक पटेल शामिल नहीं थे लेकिन आरक्षण आंदोलन में उनके साथ ही रहे दिनेश बामणिया वह अन्य कई पाटीदार नेता इस बैठक में मौजूद रहे।
गौरतलब है कि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हार्दिक पटेल कुछ दिनों पहले कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। हार्दिक पटेल कुछ समय से प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका में नजर नहीं आ रहे हैं। उनके खिलाफ भी फिलहाल राजद्रोह का मुकदमा चल रहा है।मुकदमे के चलते भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेलमाना जा रहा है कि आपराधिक मुकदमे के दबाव के चलते ही हार्दिक कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए हैं। दूसरा कारण उनका महत्वाकांक्षी होना भी है क्योंकि वे चुनाव लड़ कर विधानसभा में पहुंचने के साथ मंत्री भी बनने की इच्छा रखते हैं जो शायद इस चुनाव में कांग्रेस में रहते पूरी नहीं हो सकती थी।
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