UPA शासन में जितना नशीला पदार्थ 10 साल में हुआ जब्त, उससे ज्यादा हमने एक बार में पकड़ा: अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में देश के भीतर और सीमाओं पर सुरक्षा की स्थिति मजबूत हुई है। इसे देश के अंदरूनी क्षेत्रों और सीमा के नजदीक रहने वाले लोगों ने स्पष्ट रूप से महसूस किया है।
द्वारका, पीटीआई। कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के समय समुद्री सुरक्षा की स्थिति की खिल्ली उड़ाते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में केरल में जब्त नशीले पदार्थों की खेप का उल्लेख किया है।उन्होंने कहा कि जितना नशीला पदार्थ मनमोहन सिंह की दस साल की सरकार जब्त नहीं कर सकी, उससे ज्यादा केरल के नजदीक समुद्र से एक बार में जब्त किया गया है।
उन्होंने कहा,
संप्रग सरकार में समुद्री सुरक्षा की लचर स्थिति के कारण ही मुंबई में 2008 में भीषण आतंकी हमला हुआ था। शाह ने यह बात गुजरात के ओखा में समुद्री निगरानी की राष्ट्रीय अकादमी के परिसर की आधारशिला रखते हुए कही।
जब्त नशीले पदार्थ की कितनी है कीमत?
उन्होंने कहा कि नौसेना और तटरक्षक बल ने हाल ही में केरल के तटवर्ती क्षेत्र से नशीले पदार्थों की बड़ी खेप पकड़ी है। नशे के अंतरराष्ट्रीय कारोबार में जब्त माल की कीमत 12 हजार करोड़ रुपये है। यह माल संप्रग सरकार के पूरे दस वर्ष के कार्यकाल में जब्त कुल 680 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ से करीब दो गुना ज्यादा है।
गृह मंत्री ने कहा,
हफ्ते भर पहले केरल तट के नजदीक भारतीय जल सीमा के भीतर एक जहाज से करीब 2,500 किलोग्राम मेथाम्फेटामाइन नाम का नशीला पदार्थ जब्त किया गया था। इस एक जब्ती के अतिरिक्त भी सुरक्षा बलों ने बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों की जब्ती की है। इससे साबित होता है कि देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में देश के भीतर और सीमाओं पर सुरक्षा की स्थिति मजबूत हुई है। इसे देश के अंदरूनी क्षेत्रों और सीमा के नजदीक रहने वाले लोगों ने स्पष्ट रूप से महसूस किया है। मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में पहले गुजरात में यह कार्य किया था, अब वह प्रधानमंत्री के रूप में देश की सुरक्षा को मजबूत करने का कार्य कर रहे हैं।
मुंबई हमले में कितने लोगों ने गंवाई थी जान?
शाह ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था में खामी से देश ने बहुत नुकसान उठाया है। समुद्री सुरक्षा में लापरवाही के चलते ही मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को आतंकी हमला हुआ था जिसमें देश-विदेश के 166 लोग मारे गए थे। लेकिन अब सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर इस तरह के हमलों की आशंकाओं को खत्म कर दिया गया है।