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Exclusive: धरोई डेम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में 10 महीने में तैयार होगा जोन 5, जानें इस प्लेस पर कैसी एक्टिविटी हो सकेगी और एक्सप्लोर करने में कितना समय लगेगा

इस प्रोजेक्ट में उत्तर गुजरात के प्रमुख पर्यटन स्थल जैसे अंबाजी मंदिर वडनगर देवनी मोर तरंगा हिल और पोलो फॉरेस्ट भी शामिल हैं। धरोई के इस प्रोजेक्ट को डिजाइन करने वाले आईएनआई (INI) डिजाईन स्टूडियो के आर्किटेक्ट हर्ष गोयल से गुजराती जागरण ने खास बातचीत की जिसमें उन्होंने इस प्रोजेक्ट के बारे में दिलचस्प जानकारी साझा की। जिसका शब्दशः हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Mon, 24 Jun 2024 02:30 PM (IST)
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गुजरात के धरोई को वर्ल्ड क्लास टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।

किशन प्रजापति, अहमदाबाद। 1200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से गुजरात के धरोई को वर्ल्ड क्लास टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में उत्तर गुजरात के प्रमुख पर्यटन स्थल जैसे अंबाजी मंदिर, वडनगर, देवनी मोर, तरंगा हिल और पोलो फॉरेस्ट भी शामिल हैं।

धरोई के इस प्रोजेक्ट को डिजाइन करने वाले आईएनआई (INI) डिजाईन स्टूडियो के आर्किटेक्ट हर्ष गोयल से गुजराती जागरण ने खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने इस प्रोजेक्ट के बारे में दिलचस्प जानकारी साझा की। जिसका शब्दशः हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं।

प्रोजेक्ट कैसे डिजाइन किया गया?

आईएनआई डिजाइन स्टूडियो के डायरेक्टर और आर्किटेक्ट हर्ष गोयल ने कहा, “धरोई का यह डेम बहुत ही इंटरेस्टिंग, प्राकृतिक, बहुत सुंदर और अनटेब है जिसके बारे में अब तक लोगों ने ज्यादा एक्सप्लोर नही किया है। देशभर में ऐसी कई साइटें हैं। जिसमें इसे टूरिज्म की संभावनाओं की दृष्टि से नहीं देखा गया है। जब गुजरात सरकार ने धरोई में इस तरह की संभावना देखी तो उन्होंने एक टेंडर जारी किया जिसमें हमने अपने आइडिया दिए। इसलिए हमारे विचार और अनुभव के आधार पर हमें यह प्रोजेक्ट मिला।”

उन्होंने आगे कहा, "हम इसे एक एंकर डेस्टिनेशन बनाना चाहते हैं। इसकी नेचुरल फीचर्स का अधिकतम उपयोग कैसे किया जाए। टुरिस्ट को अधिक से अधिक सुविधाएं कैसे उपलब्ध कराई जाएं। लोंग डे एक्टिविटी एक साथ कैसे करें? पहले छह महीने इस  प्रोजेक्ट के विजन और प्रत्येक फेस की शुरुआत कैसे होगी, इसकी पैकेजिंग के बाद, हमने इसे अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट में विभाजित करने और प्राइवेट प्लेयर्स को कब लाना है, इसकी योजना बनाई। इसके बाद छह महीनों में हमने पैकेज को विस्तार से डिजाइन किया। वर्तमान में दो पैकेज अंडर कन्स्ट्रक्शन हैं। जिसमें एक पैकेज को एक साल पूरा हो चुका है और दूसरा पैकेज जो नदी किनारे का है उसे तीन महीने पूरे हो चुके हैं. इस प्रकार, 350-400 करोड़ रुपये की रेन्ज में दो प्रोजेक्ट पहले से ही निर्माणाधीन हैं।

प्रोजेक्ट में एनवायरनमेंट और संस्कृति को कैसे शामिल किया?

आर्किटेक्ट हर्ष गोयल ने कहा, “जब हम एनवायरनमेंट के लिए इस प्रकार का टुरिज्म शुरू करते हैं, तो हमें इस बात का बहुत ध्यान रखना होता है कि हम पशु-पक्षियों जैसे नेचुरलिस्टिक जो एड्जिस को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचाएं। हम जिस तरह से डेवलप करते हैं वह स्थान को ध्यान में रखकर डेवलप किया जाता है।

जहां हमें समतल जमीन मिली और हमने सरकारी जमीन पर ही डेवलपमेंट किया है। हम कंक्रीट की दीवारों के बिना गेबियन टेक्निक से रिवरफ्रंट का निर्माण कर रहे हैं। जिसमें एक तरह से पानी की ब्रीधिंग स्पेस की जगह बनी रहती है, जिसे ग्लोबली नेचुरलिस्टिक कहा जाता है। जब यहां टूरिज्म आएगा तो यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। इसलिए हमने एनवायरनमेंट और सोशियल दोनों को ध्यान में रखकर यह प्रोजेक्ट बनाया है।”

प्रोजेक्ट की विशेषताएं क्या हैं और लोग यहां कैसी एक्टिविटी कर शकते है?

आर्किटेक्ट हर्ष गोयल ने कहा, "इस प्रोजेक्ट में दो तीन पॉइन्ट हैं। पूरा प्रोजेक्ट 5 किमी चौड़ा और 5 किमी लंबाई में फैला हुआ है, जिनमें से सबसे बड़ा डैम रिजर्वायर है। हमने वहां विकास किया है जहां हमेशा पानी रहता है। सेन्ट्रल डेस्टिनेशन बनने पर वडाली से पलसाणा राजमार्ग के नदी पर एक नया पुल बनाया जाएगा। शुरुआत में हमने धरोई के डेस्टिनेशन पर पहुंचने पर दो विजिटिंग सेंटर बनाये हैं। इसमें बहुत बड़ा पार्किंग लॉट है। इसमें ईवी शटल बस भी होगी। यहां साइकिलिंग स्टेशन भी है।”

उन्होंने आगे कहा, "यहां सबसे पहले जोन 5 डेवलप किया जाएगा, जो पहाड़ी क्षेत्र और रिजर्वायर के किनारे पर है। जिसमें एडवेन्चर स्पोर्ट्स एरिया डेवलप किया जा रहा है। लोग यहां वोटर एक्टिविटी, जेटी और स्पोर्ट्स एक्टिविटी कर सकते हैं। इसमें बैक साइड कैंपिंग, टेंट साइट्स, कैरेवन पार्क हैं। यहां एक गेस्ट हाउस भी बनाया जाएगा। रिजर्वायर के व्यूयिंग और आने जाने के लिऐ ऐक रास्ता बनाया जायेगा। इसके साथ ही हमने सी प्लेन टर्मिनल का प्लान बनाया है। इसके लिए सड़क और पार्क इन्फ्रास्ट्रक्चर की दीवार का काम और कैफेटेरिया बिल्डिंग का निर्माण अगले 6-8 महीनों में पूरा किया जाएगा। और यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा, “साबरमती नदी के दोनों किनारों पर पंचतत्व पार्क की प्लानिंग की गई है। जिसमें हमने जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश पर प्लानिंग किया है। वॉटर गैलरी में जल के महत्व को दर्शाने वाली गैलरी बनाई जाएगी, पृथ्वी गैलेरी में भूमि की विविधता को दर्शाई जायेगी। हवा का असर दिखाने वाली गैलरी भी होगी। आकाश के लिए हम ऊपर जाने का रास्ता और कांच की गैलरी बना रहे हैं। इसके साथ ही यहां एक ऑब्जर्वेटरी भी होगी जहां से लोग रात में आसमान का नजारा देख सकेंगे, इस प्रकार पंचतत्व पार्क वर्ल्ड क्लास लेवल पर बनेगा।”

जोन 1: लेजर शो, वाटर एक्सपीरियंस पार्क, विजिटर सेंटर, पिकनिक ग्राउंड, डेडिकेटेड पार्किंग एरिया और एन्ट्रस के साथ एक एम्फीथिएटर बनेगा।

जोन 2: STP एन्ड रिलेटेड युटिलिटी, स्कल्पचर पार्क, पेडेस्टेरीयन पाथ वे और इमरजन्सी गेटवे, 4 स्टार होटेल, 3 स्टार होटेल, हाई स्ट्रीट, डेडिकेटेड पार्किंग और 5 स्टार रिसॉर्ट बनेंगे।

जोन 3: अर्बन फॉरेस्ट, बॉटनिकल गार्डन, सन एक्सपीरियंस पार्क, कन्वेंशन सेंटर, विंड एक्सपीरियंस पार्क, 4-5 लग्जरी रिवरसाइड रिजॉर्ट, स्काई एक्सपीरियंस पार्क, अर्थ एक्सपीरियंस पार्क और ट्राइबल विलेज बनेंगा।

जोन 4: हिल टॉप पार्क 1 और 2, एक वेलनेस सेंटर, दो पहाड़ियों के बीच एक पेडेस्ट्रियन पुल और एक  ऑब्जर्वेटरी गैलरी बनेगी।

जोन 5: केरेवनपार्क, ग्लैम्पिंग ग्राउंड, 4 स्टार रिज़ॉर्ट, कैंपिंग ग्राउंड, 4-5 स्टार कैंपिंग ग्राउंड, एडवेंचर कोव पार्क, एडवेंचर थीम पार्क, एडवेंचर वॉटर स्पोर्ट अराइवल, जेट्टी एक्सेस और प्रोमेनेड और गवर्नमेंट हाउस बनेंगे।

जोन 6: फ्लोटिंग कॉटेज, आइसलैंड एज और प्रोमेनेड, आइसलैंड एडवेंचर कोव राइड, 4-5 स्टार लक्ज़री रिज़ॉर्ट-आइसलैंड वॉटर कॉटेज, आइलैंड एडवेंचर वॉटर साइड कोव, फ़ुट हिल डेक, वॉक बाय द डाइक, मॉडल विलेज डेवलपमेंट और आइसलैंड गेटवे बनेंगे।

जोन 7: सी प्लेन टर्मिनल बनाया जाएगा।

जोन 8: पोलो क्लब और विला बनाए जाएंगे।

जोन 9: धरोई कॉलोनी जोन बनाया जाएगा।

जोन 10: सोलर पार्क बनाया जाएगा।

कौन सा फेस सबसे पहले तैयार होगा?

आर्किटेक्ट हर्ष गोयल ने कहा, "पैकेज 1 में हमारा एडवेंचर स्पोर्ट्स एरिया अगले 8 से 10 महीने में तैयार हो जाएगा। लोग यहां घूमने आ सकते हैं। लोगों को धरोई का परिचय मिलेगा और यह भी दिखेगा कि यहां कितना विकास हो रहा है।"

धरोई का यह प्रोजेक्ट कब तक पूरा होगा?

आर्किटेक्ट हर्ष गोयल ने कहा, “प्रोजेक्ट 8-10 महीनों में देखने और एक्टिविटी के लिए खुल जायेगा। हमारे सभी प्रोजेक्ट 2026 तक पूरे होने की संभावना है। कुछ प्रोजेक्ट 2024 के अंत में शुरू होंगे, कुछ 2025 के मध्य और अंत तक और कुछ 2026 में शुरू होंगे।”

पूरे प्रोजेक्ट का पता लगाने में कितना समय लगेगा?

आर्किटेक्ट हर्ष गोयल ने कहा, "अगर लोग यहां आते हैं, तो वे पूरे प्रोजेक्ट को एक्सप्लोर करने में 2-3 दिन बिताएंगे।"

धरोई का वर्ल्ड क्लास प्रोजेक्ट गुजरात के लिए कितना महत्वपूर्ण है?

आर्किटेक्ट हर्ष गोयल ने कहा, "यह प्रोजेक्ट एक युनिक प्रोजेक्ट है। यह एक एडवेंचर की थीम पर प्रोजेक्ट है। यह आसपास के टूरिज्म प्लेस को शामिल करते हुए एक एंकर डेस्टिनेशन है। देश में ऐसी प्रोजेक्ट ज्यादा नहीं है। यह एक मॉडल प्रोजेक्ट है, जहां डेम के रिसोर्स पर कभी किसी ने ध्यान ही नहीं दिया, वहां इस तरह से डेवलपमेंट कैसे हो सकता है। तारंगा की पहाड़ी और अम्बाजी से निकटता के कारण यह तीन प्रकार के पर्यटकों, एडवेंचर लवर्स, रिलीजियस टूरिस्ट और कल्चरल टूरिस्ट के लिए एक सेन्ट्रल डेस्टिनेशन होगा।

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