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Gujarat: फर्जी टोल नाका का पर्दाफाश, वाहन चालकों से डेढ़ साल तक करते रहे ठगी; जांच के लिए भेजी गई टीम

पीएमओ के फर्जी अधिकारी के बाद अब गुजरात के राजकोट जिले में फर्जी टोल नाका का पर्दाफाश हुआ है। पिछले करीब डेढ़ साल से चल रहे फर्जी टोल नाके के जरिये स्थानीय बाहुबली एक बंद पड़ी सिरामिक फैक्ट्री के बीच से रास्ता बनाकर करोड़ो रुपये की वसूली कर रहे थे। वहीं अब सरकार ने जांच के लिए टीम भेजी है और इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Tue, 05 Dec 2023 05:58 AM (IST)
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गुजरात के राजकोट जिले में फर्जी टोल नाका का पर्दाफाश हुआ है
\राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के फर्जी अधिकारी के बाद अब गुजरात के राजकोट जिले में फर्जी टोल नाका का पर्दाफाश हुआ है। पिछले करीब डेढ़ साल से चल रहे फर्जी टोल नाके के जरिये स्थानीय बाहुबली एक बंद पड़ी सिरामिक फैक्ट्री के बीच से रास्ता बनाकर करोड़ो रुपये की वसूली कर रहे थे।

लोगों की शिकायत पर प्रशासन ने आंख मूंद रखी थी लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के सक्रियता के बाद राज्य सरकार ने पुलिस उपाधीक्षक की अगुआई में जांच टीम का गठन किया है। इस मामले में राजकोट जिला कलेक्टर कार्यालय से रिपोर्ट मांगी गई है।

राजकोट जिले के वांकानेर में राजकोट-वघासिया राष्ट्रीय राजमार्ग पर वघासिया गांव के पास टोल नाका से पहले हाइवे से डायवर्जन देकर सिरामिक के बंद पड़े कारखाने की तरफ रास्ता बनाया गया था। यहां बस व ट्रक से 50 रुपये से 200 रुपये तक वसूले जा रहे थे। इसकी शिकायत की गई लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

अवैध टोल नाका पर बाउंसर व बंदूक लेकर काली ड्रेस में सुरक्षाकर्मी खड़े रहते थे

अवैध टोल नाका पर बाउंसर व बंदूक लेकर काली ड्रेस में सुरक्षाकर्मी खड़े रहते थे इसलिए आम आदमी इसे लेकर कोई शिकायत भी नही कर सकता था। टोल नाका पर स्थानीय लोगों के साथ झगड़ा होने पर इसकी शिकायत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से की गई। इसके बाद पुलिस भी हरकत में आई। गौरतलब है कि गुजरात में हाल ही फर्जी सरकारी कार्यालय, पीएमओ के फर्जी अधिकारी, फर्जी कफ सिरप आदि पकड़े जा चुके हैं, लेकिन अब फर्जी टोल नाके की खबर ने सबको चौंका दिया है।

शासन की मिलीभगत के बिना ऐसा संभव नहीं

जानकार बताते हैं कि पुलिस व प्रशासन की मिलीभगत के बिना ऐसा संभव नहीं है। उधर टोल नाका प्रबंधक ने बताया कि डेढ़ साल में उनको करोड़ो रुपये का नुकसान हुआ है, उनके टोल नाका से पहले वाहनों को डायवर्जन देकर फर्जी टोल नाका के रास्ते से गुजारकर आरोपित करोड़ो रुपये कमा रहे थे।

संचालित नाके के बजाय अस्थायी नाके का उपयोग करने को मजबूर करते थे

सिरेमिक इकाई के मालिक समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज प्रेट्र के अनुसार, पुलिस ने फर्जी टोल नाका मामले में बंद पड़ी सिरेमिक इकाई के मालिक समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्राथमिकी के अनुसार आरोपित वाहनों को रोकते थे और उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग पर अधिकृत आपरेटर द्वारा संचालित नाके के बजाय अस्थायी नाके का उपयोग करने को मजबूर करते थे।

अमरीश पटेल नामक आरोपित ने राजमार्ग के एक तरफ अपनी बंद सिरेमिक इकाई की दीवार पर दो द्वार स्थापित किए थे। इसी तरह का एक फर्जी टोल प्लाजा दो निवासियों और अन्य लोगों द्वारा गांव में दो रेलवे क्रासिंग का उपयोग करके स्थापित किया गया था, जो मोटर चालकों और अन्य वाहनों से टोल वसूलते थे।

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