राजकोट गेमिंग जोन में पिछले साल भी लगी थी आग, उच्च न्यायालय में मनपा ने अपने शपथ पत्र में और क्या कुछ कहा?
राजकोट के गेमिंग जोन में गतवर्ष 4 सितंबर को भी आग लगी थी लेकिन महानगर पालिका के अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह चलता रहा। गेमिंग जोन चलाने के लिए फायर सेफ्टी व बीयू परमिशन भी नहीं था केवल पुलिस के लाइसेंस के बूते यह चल रहा था। उच्च न्यायालय में मनपा की ओर से दिये गये शपथ पत्र में यह बात कही गई है।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। राजकोट के गेमिंग जोन में गतवर्ष 4 सितंबर को भी आग लगी थी, लेकिन महानगर पालिका के अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह चलता रहा। गेमिंग जोन चलाने के लिए फायर सेफ्टी व बीयू परमिशन भी नहीं था केवल पुलिस के लाइसेंस के बूते यह चल रहा था। उच्च न्यायालय में मनपा की ओर से दिये गये शपथ पत्र में यह बात कही गई है।
पिछले साल भी सितंबर में लगी थी आग
राजकोट महानगर पालिका मनपा की ओर से न्यायालय में प्रस्तुत शपथ पत्र में बताया गया है कि 4 सितंबर 2023 में भी टीआरपी गेमिंग जोन में आग लगी थी, इसके बाद इसे ध्वस्त करने का नोटिस जारी किया गया, लेकिन टाउन प्लानिंग अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह अवैध रूप से चलता रहा।
अवैध रूप से चल रहा था गेमिंग जोन
मनपा ने यह भी बताया कि गेमिंग जोन संचालकों के पास ना तो बिल्डिंग यूज परमिशन था, ना ही फायर सेफ्टी एनओसी या अन्य कोई अधिकृत स्वीक्रति। केवल टिकट बुकिंग का पुलिस लाइसेंस लेकर ही गेमिंग जोन अवैध तरीके से चलाया जा रहा था।
उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यह मामला न्यायाधीश बीरेन वैष्णव व न्यायाधीश देवन एम देसाई की खंडपीठ को सुनने के लिए सौंप दिया था। हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रिजेश त्रिवेदी ने इस मामले में राजकोट महानगर पालिका व राज्य सरकार की जिम्मेदारी तय करने की बात कही इस पर महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष को इस मामले में पक्षकार नहीं बनाने की बात कही।
26 जून को होगी अगली सुनवाई
इस पर वरिष्ठ वकील ब्रिजेश त्रिवेदी ने कहा कि उनकी अपील के आधार पर ही न्यायालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया ऐसे में उनको इस मामले पक्षकार बनने से नहीं रोका जा सकता है। इस मामले में अगली सुनवाई 26 जून को होगी।
12 बच्चों समेत 28 लोगों की हुई थी मौत
राजकोट के टीआपी गेमिंग जोन में गत 25 मई को आग लग गई थी जिसमें 12 बच्चों समेत 28 की मौत हो गई थी। शवों की हालत ऐसी हो गई थी कि पहचानने के लिए डीएनए परीक्षण करना पडा था। इस मामले में गेमिंग जोन के भागीदारों, मनपा अधिकारियों समेत एक दर्जन की धरपकड की गई साथ ही शहर पुलिस आयुक्त राजू भार्गव व मनपा आयुक्त आनंद पटेल का तबादला कर दिया गया था।