पूर्व आईपीएस ने बनाई प्रजा विजय पार्टी, कहा- टिकट लेने कतार में खड़ा रहने वाला मैं नहीं
प्रजा विजय पार्टी के बैनर पर बंजारा आगामी चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। बंजारा ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे टिकट मांगने की कतारों में खडे रहने वाले नहीं हैं बंजारा जहां खडे हो जाता है वहीं से कतार शुरु होती है।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Tue, 08 Nov 2022 02:45 PM (IST)
अहमदाबाद, जेएनएन। पूर्व आईपीएस डी जी बंजारा ने गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले नये हिंदुत्ववादी दल की घोषणा की है। प्रजा विजय पार्टी के बैनर पर बंजारा आगामी चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। बंजारा ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे टिकट मांगने की कतारों में खडे रहने वाले नहीं हैं, बंजारा जहां खडे हो जाता है वहीं से कतार शुरु होती है। माना जा रहा है कि भाजपा से टिकट की उम्मीद नहीं होने के चलते बंजारा ने यह कदम उठाया है।
बंजारा ने कहा कि लंबे समय तक कोई राजनीतिक दल सत्ता में रहता है तो उसे भ्रष्टाचार के दलदल में डूब जाता है। गुजरात में भाजपा 27 साल से सत्ता में है तथा उसका विकल्प बनने के लिए वे एक हिंदुवादी दल प्रजा विजय पार्टी की घोषणा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भी भाजपा का विकल्प नहीं बन सकती है, बीते 27 साल से कांग्रेस भाजपा के खिलाफ लड रही है लेकिन हार जाती है। आम आदमी पार्टी को लेकर बंजारा ने कहा कि नया दल भी भाजपा का विकल्प नहीं बन सकता है। केवल उनकी प्रजा विजय पार्टी ही इसके लिए उपयुक्त है।
बिगबी अमिताभ बच्चन की स्टाइल में बंजारा ने कहा कि वे टिकट लेने वालों की कतार में खडे रहने वाले नहीं हैं। बंजारा बीते एक साल से गुजरात में सामाजिक व सांस्क्रतिक आंदोलन कर रहे थे तथा उनके सक्रिय राजनीति में आने की अटकलें थीं। इन अटकलों को समापत करते हुए मंगलवार को उन्होंने अपनी नई पार्टी के ऐलान के साथ भाजपा का विकल्प बनने का दावा ठोका है। गुजरात में फर्जी मुठभेड मामलों की एक लंबी फेहरिस्त रही है तथा अहमदाबाद अपराध शाखा, आतंकवाद निरोधक दस्ते के मुखिया रहते बंजारा इनके चलते काफी विवादों में रहे। कई साल जेल तथा 9 साल तक उन्हें गुजरात से बाहर भी रहना पडा था।
बंजारा के साथ राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के उपाध्यक्ष एवं गुजरात अध्यक्ष डॉ राज शेखावत भी मौजूद थे। नई पार्टी की घोषणा से पहले शेखावत ने अपने मित्रों को एक संदेश भेजकर बताया कि क्षत्रियों को उनकी आबादी के अनुपात में विधानसभा का टिकट नहीं मिलता। अपने ही समाज के लोग समीकरण बिगाड रहे हैं उनहें थोडे समय में सब मिलकर जवाब देंगे।
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