Gaganyaan Mission: अंतरिक्ष के सफर में नया कीर्तिमान रचने के लिए तैयार भारत, स्पेस में 400 KM की उड़ान भरेगा अपना गगनयान
Gaganyaan Mission मिशन के तहत वे 2025 में उड़ान भरने का इंतजार कर रहे हैं। सोमनाथ ने कहा कि इसरो इसे संभव बनाने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में चार अंतरिक्षयात्रियों को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में ले जाना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Sun, 03 Dec 2023 06:39 AM (IST)
पीटीआई, गांधीनगर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री तैयार हैं।
मिशन के तहत वे 2025 में उड़ान भरने का इंतजार कर रहे हैं। सोमनाथ ने कहा कि इसरो इसे संभव बनाने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में चार अंतरिक्षयात्रियों को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में ले जाना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।
इसरो चीफ ने किया छात्रों को संबोधित
पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय (पीडीईयू) के 11वें दीक्षा समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा, गगनयान मिशन के लिए आने वाले दिनों में बहुत सारी तकनीक विकसित करने की आवश्यकता है। हम इसे संभव बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि इसरो अंतरिक्ष स्टेशन बनाने पर भी विचार कर रहा है। भारत आज अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में विश्व में अग्रणी बन गया है। कहा कि छात्रों की भावी पीढि़यों के पास अब बड़ा अवसर है जो अतीत में नहीं था। इसरो प्रमुख ने कहा कि देश का भविष्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता पर आधारित है। प्रौद्योगिकी के सिद्धांतों पर बनी अर्थव्यवस्था हमें विश्व का नेता बनाने की क्षमता रखती है।
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