Vibrant Gujarat 2024: गिफ्ट सिटी की कंपनियों को सीधे लिस्टिंग का मिलेगा मौका, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिए संकेत
गुजरात की राजधानी गांधीनगर में स्थित गांधीनगर इंटरनेशनल फिन-टेक सिटी को विश्व स्तर का अत्याधुनिक प्रौद्योगिक आधारित शहर बनाने में केंद्र कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2070 तक भारत से कार्बन उत्सर्जन को खत्म करने का जो लक्ष्य रखा है उसको हासिल करने के लिए सभी को मिल कर प्रयास करना होगा।
जयप्रकाश रंजन, गांधीनगर। गुजरात की राजधानी गांधीनगर में स्थित गांधीनगर इंटरनेशनल फिन-टेक सिटी (GIFT) को विश्व स्तर का अत्याधुनिक प्रौद्योगिक आधारित शहर बनाने में केंद्र कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है।
गिफ्ट सिटी को वैश्विक व देशी कंपनियों के लिए एक बड़ा आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिया है कि यहां कार्यरत कंपनियों को सीधे गिफ्ट अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में सूचीबद्ध होने का मौका मिल सकता है। इसका फैसला पहले हो चुका है और अब सरकार इसे लागू करने की तैयारी में जुटी हुई है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार एक नई नीति बना रही है जिससे गिफ्ट सिटी में ग्रीन क्रेडिट्स (हरित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के बदले में कंपनियों को मिलने वाली सुविधा) का ट्रेडिंग प्लेटफार्म मिल सके। वित्त मंत्री यहां गुजरात वाइब्रेंट सम्मेलन-2024 के अवसर पर आयोजित एक सत्र 'आधुनिक भारत की आकांक्षा' को संबोधित कर रही थी।
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क्या कुछ बोलीं निर्मला सीतारमण?
सीतारमण ने बताया कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2070 तक भारत से कार्बन उत्सर्जन को खत्म करने का जो लक्ष्य रखा है उसको हासिल करने के लिए सभी को मिल कर प्रयास करना होगा। इस महत्कांकाक्षा को हासिल करने के लिए 10.1 ट्रिलियन डॉलर की जरूरत होगी। इस फंड का इंतजाम करने के लिए ग्रीन क्रेडिट्स की ट्रेडिंग का मौका देना बहुत जरूरी है। उन्होंने गिफ्ट आईएफएससी के अधिकारियों को कहा,
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।उन्हें इस प्लेटफार्म को स्थापित करने के लिए आगे आने में देरी नहीं करनी चाहिए। इस प्लेटफार्म पर वो लोग भी बॉन्ड्स बेच सकेंगे, जो दुनियाभर में पेड़ लगाने का काम कर रहे हैं। इसी तरह से रिनीवेबल इनर्जी, कूड़ा प्रबंधन में काम करने वाली नई प्रौद्योगिक आधारित कंपनियों को भी अपने बॉन्ड्स बेचने की सुविधा मिलनी चाहिए।