Godhra Gujarat: बीस साल बाद कितना बदल गया गोधरा, पढ़ें यह खास रिपोर्ट
गुजरात का गोधरा शहर अब दंगों से ऊपर उठकर विकास चाहता है। यहां बेहतर नागरिक सुविधाओं को पूरा करने पर जोर है। साफ-सुथरा बस स्टैंड ट्रैफिक पुलिस का प्रबंधन इस शहर में बदलाव की तस्वीर बयां कर रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Wed, 30 Nov 2022 05:19 AM (IST)
शत्रुघ्न शर्मा, गोधरा। गोधरा कांड के चलते दो दशक पहले गुजरात की राजनीति का केंद्र रहा गोधरा काफी बदल गया है। हिंदू, मुस्लिम, दलित व आदिवासी की पहचान से ऊपर उठकर अब वह विकास की मुख्यधारा से जुड़कर बेहतर नागरिक सुविधाओं और बच्चों के करियर जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना चाहता है।
विकास बन सकता है बड़ा मुद्दा
कस्बे में प्रवेश करते ही साफ-सुथरा बस स्टैंड, चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस का प्रबंधन और नगरपालिका में प्रापर्टी टैक्स भरने के लिए कतार में खड़े लोग यहां के बदलाव की तस्वीर खुद बयां करते हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में यहां विकास बड़ा मुद्दा बन सकता है।यह भी पढ़ें: Gujarat Election: पीएम मोदी को रावण बताने पर भड़की भाजपा, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के बयान को बताया निंदनीय
बहुत पुराना है गोधरा का इतिहास
पंचमहाल जिले का गोधरा का इतिहास बहुत पुराना है। यहां हिंदू व मुस्लिम आबादी का एक अनुपात शुरू से ही देखा जा सकता है। इसी इलाके में चांपानेर जैसी विश्व प्रसिद्ध इमारतों का निर्माण हुआ। ये अब विश्व धरोहर हैं। गोधरा, दाहोद, हालोल, कलोल व झालोद में महल बने होने के कारण जिले का नाम ग्वालियर के महाराजा सिंधिया ने पंचमहाल रखा। अलाउद्दीन खिलजी, महमूद बेगडा से होते हुए यहां का राज चौहान वंश के हाथ में आया।यह भी पढ़ें: Exclusive Interview: पीएम मोदी की लोकप्रियता और विकास माडल से होगी अभूतपूर्व जीत : अमित शाह
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