अल्पेश, हार्दिक और जिग्नेश की प्रतिष्ठा दांव पर, 2022 के नतीजे तय करेंगे तीनों का राजनीतिक भविष्य
Gujarat Assembly Election 2022 गुजरात विधानसभा चुनाव में एक बार फिर अल्पेश ठाकुर हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी पर निगाहें टिकी होगी। चुनावी नतीजे इन तीनों नेताओं का भविष्य तय करेंगे। 2022 के विधानसभा चुनाव में इन तीनों नेताओं के लिए पाटीदार और ठाकोर समाज के वोट काफी अहम होंगे।
By Nidhi AvinashEdited By: Updated: Wed, 23 Nov 2022 10:17 AM (IST)
अहमदाबाद, जागरण डेस्क। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ रही है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे ही पार्टियों का चुनाव प्रचार भी तेज हो रहा है। नेताओं की एक-दूसरे पर बयानबाजी भी तेज हो गई है।
2017 गुजरात विधानसभा चुनाव की राजनीतिक उथल-पुथल से उभरे तीन युवा नेताओं पर भी इस साल के विधानसभा चुनाव पर पैनी नजर रहेगी। भाजपा से अल्पेश ठाकुर, हार्दिक पटेल और कांग्रेस से जिग्नेश मेवाणी, ये तीनों युवा नेता चुनावी मैदान में उतर गए है।
तीनों नेताओ की किस्मत इस चुनाव से होगी तय
गुजरात विधानसभा 2022 के नतीजे अल्पेश ठाकुर, हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी की किस्मत तय करेंगे। तीनों नेता जिन-जिन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, उसका राजनीतिक इतिहास भी काफी खास है। एक तरफ जहां अल्पेश ठाकोर गांधीनगर उत्तर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, तो वहीं हार्दिक पटेल वीरमगाम से और जिग्नेश मेवाणी वडगाम से चुनाव लड़ रहे हैं। इन तीनों नेताओं को 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का साथ मिला था। लेकिन अल्पेश ठाकोर और हार्दिक पटेल ने कांग्रेस का साथ जल्द ही छोड़ दिया और भाजपा का दामन थाम लिया। 2022 के विधानसभा चुनाव में क्या है तीनों नेताओं की स्थिति, आइये बताते हैं।Gujarat Election: सात साल की बच्ची ने पीएम मोदी को सुनाई शानदार कविता, कांग्रेस ने उठाए सवाल
अल्पेश ठाकोर
अल्पेश ठाकोर के राजनीतिक सफर की शुरुआत एक आंदोलन से हुई। 2017 में उन्होंने शिक्षा, रोजगार और नशामुक्ति के लिए आंदोलन किया। इन तीन मुद्दों के समाज में उठाने के लिए उनको प्रतिष्ठा हासिल हुई। ठाकोर समाज को एक करने के अल्पेश ठाकोर ने एक युवा संगठन बनाया और पूरे गुजरात में रैलियां और सभाओं का आयोजन किया। इनके जरिए उन्होंने समाज में सबका विश्वास हासिल कर लिया। उनकी पहली सभा की शुरुआत विसनगर से हुई। 2017 में अल्पेश ने सामाजिक संघर्ष को राजनीतिक संघर्ष में बदला और कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस का साथ मिलने के बाद ठाकोर समाज के कुछ नेता अल्पेश के खिलाफ लड़ने लगे।अल्पेश का भविष्य 2022 के चुनाव से होगा तय
वर्ष 2017 में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के बावजूद कांग्रेस केवल 77 सीट ही हासिल कर पाई। गुजरात में कांग्रेस की सत्ता न आने के बाद अल्पेश ठाकोर और उनके दोस्त धवलसिंह झाला ने कांग्रेस के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए।अल्पेश 2022 का विधानसभा चुनाव एक भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़ रहे है। अब अल्पेश ठाकोर का राजनीतिक भविष्य 2022 के चुनाव के नतीजे पर निर्भर करता हैं। बता दें कि पाटीदार और ठाकोर समुदाय के वोट ही अल्पेश के भाग्य का फैसला तय करेंगे। गांधीनगर और दक्षिण विधानसभा सीट पर ठाकोर और पटेल वोटर काफी अहम मानी जा रही हैं। भाजपा ने ठाकोर समाज के उम्मीदवार अल्पेश ठाकोर को टिकट दिया है। अल्पेश के खिलाफ कांग्रेस के पाटीदार समाज के हिमांशु पटेल को टिकट दिया गया है।
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