गुजरात में जल प्रलय: बाढ़ में 26 की मौत, 1200 लोगों को बचाया गया; घर और छतों तक पहुंचे मगरमच्छ
गुजरात में भीषण बारिश और बाढ़ ने ताबाही मचा दी है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना जताई है। अब तक 18 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रदेशभर में साढ़े नौ सौ सड़कें बंद हो गई हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम से बात की और स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की।
जेएनएन, नई दिल्ली। पिछले चार दिन से भारी बारिश के चलते गुजरात के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं। जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नदियां-नाले उफान पर हैं। सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं और लोगों के घरों में पानी घुस गया है। बाढ़ की वजह से पिछले तीन दिनों में 26 लोगों की जान गई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों से 18 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और करीब 1,200 लोगों को बचाया गया है।
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पीएम मोदी ने सीएम से की बात
सेना और अन्य बचाव कर्मी राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। हालांकि गुरुवार को बारिश में कमी आने से बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित वडोदरा समेत कुछ क्षेत्रों में हालात में आंशिक सुधार हुआ। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार दूसरे दिन गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात की और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से बाढ़ के बाद बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए उचित कदम उठाने को भी कहा।
कहां हुई कितनी बारिश?
गुरुवार को द्वारका के भाणवड में सुबह छह बजे तक बीते 24 घंटे की अवधि में 295 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, वहीं कच्छ के अब्दासा में 276 मिमी और कल्याणपुर में 263 मिमी बारिश दर्ज की गई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि के दौरान गुजरात के 20 तालुका में 100 मिमी से अधिक वर्षा हुई। कच्छ के मांडवी तालुका में सुबह 10 बजे तक चार घंटों में 101 मिमी बारिश हुई।
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