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गुजरात हाई कोर्ट ने 21 साल पुराने मारपीट के मामले में दिल्ली के LG वीके सक्सेना को दी बड़ी राहत

Gujarat गुजरात हाई कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ मारपीट के मामले में दिल्ली एलजी सक्सेना के खिलाफ आगे की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही एलजी के पद पर बने रहने तक उनके खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल न चलाए जाने का भी आदेश दिया है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 23 May 2023 02:59 PM (IST)
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गुजरात हाई कोर्ट ने 21 साल पुराने मारपीट के मामले में दिल्ली के LG वीके सक्सेना को दी बड़ी राहत
अहमदाबाद, एजेंसी। गुजरात हाईकोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के खिलाफ 21 साल पुराने मारपीट के मामले में बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने वीके सक्सेना के खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल चलाए जाने पर रोक लगा दी है। साथ ही एलजी के पद पर बने रहने तक उनके खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल न चलाए जाने का भी आदेश दिया है।

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ की थी मारपीट

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना पर साल 2000 में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ मारपीट करने का आरोप हैं। गुजरात के अहमदाबाद कोर्ट में चल रहे इस मामले को लेकर वीके सक्सेना ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में दिल्ली के एलजी पद पर रहने तक क्रिमिनल ट्रायल रोकने की अपील की थी। हालांकि, अहमदाबाद कोर्ट ने सक्सेना को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था।

इसके बाद उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां उन्हें दिल्ली के उपराज्यपाल पद पर रहने तक के लिए क्रिमिनल ट्रायल से राहत मिल गई है। बता दें कि यह केस लंबित है और सक्सेना के अलावा तीन अन्य भी इस मामले में आरोपी पाए गए हैं।

तीन अन्य पर जारी रहेगा ट्रायल

गुजरात हाईकोर्ट ने वीके सक्सेना को राहत देते हुए अन्य तीन आरोपियों पर क्रिमिनल ट्रायल जारी रखने का आदेश दिया है। अदालत ने राज्य सरकार और शिकायतकर्ता पाटकर को भी नोटिस जारी किया और मामले की आगे की सुनवाई के लिए 19 जून की तारीख तय की।

उल्लेखनीय है कि यह मामला लगभग 21 साल पुराना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुजरात दंगों के दौरान साल 2002 में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर शांति की अपील करने गुजरात पहुंची थी। साबरमती आश्रम में उन पर हमला हुआ था। वीके सक्सेना के अलावा तीन अन्य के खिलाफ मुकादमा दर्ज किया गया था।

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