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निर्विरोध चुनाव जीतने वाले भाजपा सांसद को हाईकोर्ट का समन, 9 अगस्त तक दाखिल करना होगा जवाब

गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत से भाजपा सांसद मुकेश दलाल को समन जारी किया है। कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन खारिज होने और अन्य उम्मीदवारों द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद 22 अप्रैल को मुकेश दलाल को विजेता घोषित किया गया था। अब कांग्रेस के चार सदस्यों ने रिटर्निंग ऑफिसर के फैसले को चुनौती दी है। दरअसल प्रस्तावकों की वजह से नीलेश का नामांकन रद्द किया गया था।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 28 Jul 2024 06:38 PM (IST)
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सूरत से भाजपा सांसद मुकेश दलाल को समन। (फाइल फोटो)

पीटीआई, अहमदाबाद। सूरत लोकसभा सीट से निर्विरोध चुनाव जीतने वाले भाजपा सांसद मुकेश दलाल को गुजरात उच्च न्यायालय ने समन जारी किया है। नौ अगस्त तक उन्हें अपना जवाब दाखिल करना होगा। कांग्रेस के चार सदस्यों ने याचिका दाखिल कर पार्टी प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन खारिज करने के सूरत कलेक्टर और रिटर्निंग ऑफिसर के फैसले को चुनौती दी है।

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22 अप्रैल को विजेता बने थे मुकेश

याचिकाकर्ताओं के वकील पीएस चंपानेरी ने रविवार को जानकारी दी है कि न्यायमूर्ति जेसी दोशी की अदालत ने सासंद मुकेश दलाल को समन जारी कर नौ अगस्त तक जवाब देने का निर्देश दिया है। 25 जुलाई को मामले की सुनवाई हुई थी। बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन खारिज होने और अन्य उम्मीदवारों के हटने के बाद 22 अप्रैल को मुकेश दलाल को विजेता घोषित कर दिया गया था। इसी दिन नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख थी।

कैसे खारिज हुआ था नामांकन?

दरअसल, कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी के नामांकन को प्रस्तावकों की वजह से खारिज किया गया था। उनके प्रस्तावकों ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि उन्होंने कागजात पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। कुंभानी के डमी उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन भी इसी कारण से खारिज कर दिया गया था।

याचिकाकर्ताओं ने दिया यह तर्क

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि कुंभानी के तीन प्रस्तावकों ने डिप्टी कलेक्टर के समक्ष एक आवेदन में घोषणा की थी कि वे उनके नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर करेंगे। याचिका में तर्क दिया गया कि हस्ताक्षरों का सत्यापन कलेक्टर का काम नहीं है।

फैसले पर उठाया सवाल

याचिका में कहा गया कि एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस के पास किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में अपने उम्मीदवारों के लिए प्रस्तावकों की कोई कमी नहीं है। दोनों याचिकाओं में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 36 के प्रावधानों के तहत कुंभानी का नामांकन खारिज करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले पर सवाल उठाया गया है।

25 सीटों पर भाजपा और एक पर कांग्रेस का कब्जा

गुजरात की 25 लोकसभा सीटों पर सात मई को मतदान हुआ था। चार जून को चुनाव परिणाम आने पर भाजपा के खाते में 25 और कांग्रेस ने सिर्फ एक सीट पर चुनाव जीता था। मुकेश दलाल पिछले 12 वर्षों में निर्विरोध लोकसभा चुनाव जीतने वाले पहले नेता हैं। वह पहली बार सासंद बने हैं।

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