Gujarat: 20 मिनट के लिए रोक दी थी राजधानी एक्सप्रेस, छह साल बाद कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी को कोर्ट ने दी राहत
गुजरात की एक अदालत ने कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी को बड़ी राहत दी है। मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने विधायक मेवाणी और 30 अन्य लोगों को राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में एक ट्रेन को बाधित करने के मामले में बरी कर दिया है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पीएन गोस्वामी की कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और अन्य 30 लोगों को बरी कर दिया है।
पीटीआई, अहमदाबाद। गुजरात की एक अदालत ने कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी को बड़ी राहत दी है। मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने विधायक मेवाणी और 30 अन्य लोगों को राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में एक ट्रेन को बाधित करने के मामले में बरी कर दिया है।
जिग्नेश मेवाणी को कोर्ट ने किया बरी
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पीएन गोस्वामी की कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और अन्य 30 लोगों को बरी कर दिया है।
अहमदाबाद रेलवे पुलिस ने दर्ज किया था केस
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस विधायक और अन्य लोगों के खिलाफ साल 2017 में अहमदाबाद रेलवे पुलिस ने कालूपुर रेलवे स्टेशन पर राजधानी ट्रेन को अवरुद्ध करने के लिए मामला दर्ज किया था। उन्होंने 20 मिनट तक ट्रेन को बाधित किया। सभी लोगों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 153 के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। 31 आरोपियों में से 13 महिलाएं भी थीं।यह भी पढ़ें- PM Modi's Degree Row: सीएम केजरीवाल और AAP सांसद संजय सिंह को SC से मिली राहत, मानहानि मामले की कार्यवाही पर लगाई रोक
2021 में कोर्ट ने बरी करने से किया था इनकार
इससे पहले साल 2021 में एक सत्र अदालत ने उन्हें इस मामले में बरी करने से इनकार कर दिया था। पिछले साल नवंबर में मेवाणी और छह अन्य को साल 2016 के सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए दर्ज एक अन्य मामले में बरी कर दिया गया था।बता दें कि कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी वडगाम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक भी हैं।यह भी पढ़ें- मथुरा में नहीं होगा शाही ईदगाह का सर्वे, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक
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