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Exclusive: श्रीकृष्ण की नगरी बेट द्वारका का होगा कायापलट, देखें मास्टर प्लान की फोटो; A to Z डिटेल यहां पढ़ें

Gujrat Beyt Dwarka गुजरात के बेट द्वारका भगवान श्री कृष्ण का निवास स्थान था। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार विकास के लिए 150 करोड आवंटित करेगी। गुजरात टूरिज्म कॉर्पोरेशन ऑफ गुजरात लिमिटेड यहां आने वाले पर्यटकों को अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए बेट द्वारका आइलैंड को वर्ल्ड क्लास स्तर पर विकसित करेगा।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sat, 17 Aug 2024 05:51 PM (IST)
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Exclusive: श्रीकृष्ण की नगरी बेट द्वारका का होगा कायापलट (Image: Jagran)
किशन प्रजापति, अहमदाबाद। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को पूरे देश मे मनाई जाएगी। इस दिन भगवान कृष्ण और इनसे जूड़े स्थानो की बात आए नहीं ऐसा हो नहीं सकता। हम आज बेट द्वारका की बात करेंगे। जब भगवान श्री कृष्ण द्वारका में शासन करते थे तो बेट द्वारका उनका निवास स्थान था। हर साल यहा लाखों श्रद्धालु आते हैं।

इसको देखते हुए गुजरात सरकार ने इसके विकास और ब्युटिफिकेशन के लिए 150 करोड आवंटित किए है। बेट द्वारका में सिग्नेचर ब्रिज का इनोग्रेशन कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, जिसके बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक यहां आ रहे हैं।

गुजरात टूरिज्म कॉर्पोरेशन ऑफ गुजरात लिमिटेड यहां आने वाले पर्यटकों को अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए बेट द्वारका आइलैंड को वर्ल्ड क्लास स्तर पर विकसित करेगा। इसमें 3 फेज में करोड़ों की लागत से द्वारकाधीश मंदिर परिसर, समुद्र तट और आसपास के इलाकों का विकास किया जाएगा।

महत्त्वपूर्ण यह है की, गुजरात टूरिज्म कॉर्पोरेशन ऑफ गुजरात लिमिटेड ने बेट द्वारका आइलैंड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए अहमदाबाद के जाने माने INI डिजाइन स्टूडियो को नियुक्त किया है। महीनों तक रिसर्च करने के बाद वर्ल्ड क्लास स्तर का बेट द्वारका का मास्टर प्लान तैयार किया है। जिसमें पहले फेज के लिए सरकार की ओर से 150 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। निकट भविष्य में फेज 2 और 3 विकसित किया जाएगा।

बेट द्वारका विकास परियोजना फेज 1

  1.  द्वारकाधीश जी मंदिर डेवलपमेंट
  2. स्ट्रीट ब्यूटीफिकेशन
  3. हेरिटेज स्ट्रीट डेवलपमेंट
  4.  शंख नारायण मंदिर और तालाब डेवलपमेंट
  5.  नोर्थ बीच डेवलपमेंट-पब्लिक बीच
  6.  टूरिस्ट विजिटर सेंटर और हाट बाजार
  7.  हिलॉक पार्क वीथ व्यूईंग डेक

बेट द्वारका विकास परियोजना फेज 2

  1.  हनुमान मंदिर और बीच डेवलपमेंट
  2.  अभय माता मंदिर और सनसेट पार्क
  3.  नेचर एन्ड मरीन इन्टरप्रेशन सेन्टर
  4. स्किल डेवलपमेंट सेन्टर
  5.  कम्युनिटी लेक डेवलपमेंट
  6.  रोड एंड साइन

बेट द्वारका विकास परियोजना फेज 3

  1.  सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम
  2.  कम्युनिटी लेक डेवलपमेंट
  3. लेक अराईवल प्लाजा
भविष्य में पर्यटकों के लिए मंदिर तक शटल सर्विस, इ व्हीकल, डॉल्फिन व्यूईंग के लिए फेरी सर्विस, ऑडियो विजुअल प्रदर्शनी, स्किल डेवलपमेंट और गाइड ट्रेनिंग का विकास किया जाएगा।

बेट द्वारका, भगवान श्री कृष्ण का निवास स्थान माना जाता है इसलिए यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं। इसे देखते हुए मास्टर प्लान के तहत गुजरात सरकार ने पहले फेज के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जिसके बाद टेंडरिंग का काम चल रहा है।

बेट द्वारका आइलैंड डेवलपमेंट के फेज 1 में यह आकर्षण होंगे

मंदिर परिसर और उसके आजू बाजू के एरिया का विकास

काम्प्रिहेन्सिव मास्टर प्लान के अनुसार, मंदिर परिसर के विकास का मुख्य उद्देश्य भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना है। मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए चार अलग-अलग दिशाओं से प्रवेश द्वार बनाये जायेंगे जिसमें मुख्य सुदामा सेतु से गांव की ओर जाने वाली सड़क और समुद्री मार्ग के नजदीक मुख्य प्रवेश द्वार होगा। भक्तों के लिए विभिन्न सुविधाएं होंगी जैसे मंदिर का सामान, फूड स्टॉल, लोकल कला और क्राफ्ट को प्रमोट करने वाली दुकानें और आवश्यक चीजें बेचने वाले स्टॉल बनाए जायेंगे।

इसके अलावा मोबाइल और जूते के लिए लॉकर सुविधा, प्रसाद वितरण केंद्र और कोमन शौचालय भी बनाए जाएंगे। इसके साथ ही अत्याधुनिक फैसिलिटी वाली भोजनशाला और बैठक, भजन-कीर्तन के लिए दो मल्टीपर्पज हॉल का भी निर्माण किया जाएगा।

पुरुषों और महिलाओं की बनेगी अलग-अलग लाइनें

मास्टर प्लान के अनुसार, मंदिर में भीड़ ना हो इस लिए पुरुषों और महिलाओं की अलग-अलग दर्शन की लाइनें बनाई जाएंगी और इस मास्टर प्लान को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि दिव्यांगों को भी कोई असुविधा न हो। इसके साथ ही लोगों को जानकारी देने के लिए मंदिर परिसर में साइन बोर्ड, पानी की परब, कूड़ेदान और बैठने के लिए बेंच भी लगाई जाएंगी। यहां तीर्थयात्रियों की यात्रा को यादगार बनाने के लिए भगवान श्री कृष्ण की जीवनी संबंधी तस्वीरें या मूर्तियां प्रदर्शित करने की भी योजना बनाई गई है।

नॉर्थ बीच (पदम बीच)

बेट द्वारका का यह उत्तरी समुद्र तट सर्दियों के मौसम में डॉल्फिन देखने के लिए प्रसिद्ध है और यहां पदम नामक एक अनोखा शंख पाया जाता है, इसलिए इस समुद्र तट को पदम बीच भी कहा जाता है। इस नॉर्थ बीच क्षेत्र को पर्यावरण और प्राकृतिक सुंदरता को ध्यान में रखते हुए विकास के लिए डिजाइन किया गया है। इस समुद्र तट पर पार्किंग सुविधा, फूड स्टॉल, बच्चों के लिए खेल उपकरण, बैठने की सुविधा और शौचालय जैसी सुविधाएं बनाई जाएंगी। इस नॉर्थ बीच पर पर्यटक मनोरंजन और सूर्योदय-सूर्यास्त के खूबसूरत नज़ारे का आनंद ले सकते हैं।

टूरिस्ट विजिटर सेंटर

सुदामा सेतु से मंदिर परिसर तक जाने वाली रास्ते पर टूरिस्ट विजिटर सेंटर का निर्माण किया जाएगा। जिसमें मंदिर की ऐतिहासिक जानकारी, बेट द्वारका में होने वाली प्रवृत्ति की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही यहां वेटिंग एरिया, शौचालय, लॉकर सुविधा, गुजराती भोजन का आनंद लेने के लिए एक रेस्तरां और एक हाट बाजार बनाया जाएगा।

हेरिटेज स्ट्रीट डेवलपमेंट

बेट द्वारका में कई ऐतिहासिक मंदिर हैं। इन मंदिरों को जोड़ने वाली हेरिटेज स्ट्रीट में मुख्य रूप से द्वारकाधीश मंदिर, शंख नारायण मंदिर और हनुमान दांडी मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों को जोड़ने वाले रास्तों को हेरिटेज थीम पर विकसित किया जाएगा। जिसके तहत भित्ति चित्र, भित्ति चित्र, प्लेटफार्म, भूदृश्य, रोशनी और बैठने की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस प्रकार मास्टर प्लान के अनुसार यहां आने वाले श्रद्धालुओं को ऐतिहासिक अनुभव होगा।

हिलॉक पार्क

यह बेट द्वारका की उन जगहों में से एक है जहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का मनोरम दृश्य देख ने को मिलता है। मास्टर प्लान के मुताबिक इस जगह को पब्लिक पार्क के तौर पर विकसित किया जाएगा. यहां से सुदामा सेतु का पूरा नजारा दिखेगा. इस पार्क में फूड स्टॉल, विशेष लैंडस्केप, बोर्डवॉक, वॉकवे और सामान्य शौचालय जैसी सुविधाएं बनाई जाएंगी।

बेट द्वारका आइलैंड डेवलपमेंट का यब मास्टर प्लान प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित हो उस तरह डिजाइन किया गया है। तो बेट द्वारका एक वर्ल्ड क्लास धार्मिक और पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा।

बेट द्वारका के बारे में संक्षिप्त जानकारी

जब भगवान श्री कृष्ण द्वारका में शासन करते थे तो बैट द्वारका उनका निवास स्थान था। बेट द्वारका को मूल द्वारका भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में बेट द्वारका को अंतरद्वीप से जाना जाता था और यादव नाव से यहा यात्रा करते थे। समुद्र के अंदर शोध से पता चला है कि समुद्र तल में संरक्षित जीवाश्म हड़प्पा सभ्यता युग और मौर्य युग के हैं। एक समय यहां वडोदरा के राजा गायकवाड़ का शासन था।

बेट द्वारका के बारे में संक्षिप्त जानकारी

जब भगवान श्री कृष्ण द्वारका में शासन करते थे तो बैट द्वारका उनका निवास स्थान था। बेट द्वारका को मूल द्वारका भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में बेट द्वारका को अंतरद्वीप से जाना जाता था और यादव नाव से यहा यात्रा करते थे। समुद्र के अंदर शोध से पता चला है कि समुद्र तल में संरक्षित जीवाश्म हड़प्पा सभ्यता युग और मौर्य युग के हैं। एक समय यहां वडोदरा के राजा गायकवाड़ का शासन था। अगर आप द्वारका गए है तो वहा से 32 किमी की दूरी पर बेट द्वारका है।

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