हार्दिक पटेल ने माना कानून बनाना इतना आसान नहीं होता, कहा- जटिल होती है प्रक्रिया
आरक्षण आंदोलन के कारण 2015 में हार्दिक अचानक चर्चा में आ गये थे 2017 के विधानसभा चुनाव में आंदोलन के कारण सत्ताधारी दल भाजपा को खासा नुकसान उठाया था। 2019 में हार्दिक कांग्रेस में शामिल होकर कार्यकारी अध्यक्ष बन गये थे।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगुवा रहे विधायक हार्दिक पटेल ने विधानसभा में यह स्वीकार किया कि जब सड़क पर आरक्षण पर नया कानून बनाने की मांग करते थे तब नहीं जानते थे कि सदन में कानून बनाना कोई आसान बात नहीं होती है।
भाजपा विधायक हार्दिक पटेल का बयान
विधानसभा के बजट सत्र में एक विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक हार्दिक पटेल ने कहा कि आरक्षण मामले में नये कानून की मांग करते हुए जब वे राज्य की सडकों पर उतरकर आंदोलन कर रहे थे तब नहीं जानते थे कि विधानसभा में कानून बनाना आसान नहीं होता है। अब सदन में बैठकर जब नया कानून बनाने की प्रक्रिया से खुद गुजरना पड रहा है तब पता चला कि नया कानून बनाना इतना आसान बात नहीं होती।
2015 में हार्दिक अचानक से आए थे चर्चा में
आरक्षण आंदोलन के कारण 2015 में हार्दिक अचानक चर्चा में आ गये थे, 2017 के विधानसभा चुनाव में आंदोलन के कारण सत्ताधारी दल भाजपा को खासा नुकसान उठाया था। 2019 में हार्दिक कांग्रेस में शामिल होकर कार्यकारी अध्यक्ष बन गये थे लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था।
विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा
वीरमगाम से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने जाने के बाद अब वे खुद विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा तब वो इसकी प्रक्रिया से वाकिफ हुए। आरक्षण आंदोलन के दौरान पाटीदार समाज के 14 युवकों की जान चली गई थी तथा खुद हार्दिक राजद्रोह समेत करीब 3 दर्जन मुकदमे झेल रहे हैं।