मानहानि मामले में राहुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला
गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मोदी उपनाम मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा। जस्टिस हेमंत प्रच्छक 2019 के इस मामले में अवकाश के बाद फैसला सुनाएंगे। मामला 2019 में मोदी सरनेम पर की गई टिप्पणी का है।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 02 May 2023 05:01 PM (IST)
अहमदाबाद, पीटीआई। गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 'मोदी उपनाम' मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा। जस्टिस हेमंत प्रच्छक 2019 के इस मामले में अवकाश के बाद फैसला सुनाएंगे। इसके साथ ही, कोर्ट ने तब तक के लिए राहुल गांधी को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।
बता दें कि राहुल गांधी ने उनकी 'मोदी उपनाम' टिप्पणी पर एक आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसमें उन्हें सूरत की एक अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के कारण राहुल को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराया गया था।
इससे पहले, न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक की अदालत ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वकील को सूरत सत्र अदालत के आदेश के खिलाफ राहुल गांधी की आपराधिक पुनरीक्षण अर्जी का विरोध करते हुए अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की अनुमति दी थी, जिसमें उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था और मामले को 2 मई को सुनवाई के लिए रखा था।
राहुल गांधी के वकील ने दिया तर्क
29 अप्रैल को पहले की सुनवाई के दौरान, राहुल गांधी के वकील ने तर्क दिया था कि एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा का मतलब है कि वह अपनी लोकसभा सीट 'स्थायी रूप से और अपरिवर्तनीय रूप से' खो सकते हैं, जो उस व्यक्ति और निर्वाचन क्षेत्र के लिए, जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है, 'बहुत गंभीर अतिरिक्त अपरिवर्तनीय परिणाम' था।
वकील ने कहा कि कथित अपराध गैर-गंभीर प्रकृति का था और इसमें नैतिक अधमता शामिल नहीं थी, और फिर भी गांधी की दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाने के कारण उनकी अयोग्यता, उन्हें और उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को प्रभावित करेगी।
23 मार्च को सत्र अदालत ने राहुल गांधी को सुनाई सजा
सूरत की एक अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर मामले में आपराधिक मानहानि के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। विधायक ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?
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