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होम्योपैथी डॉक्टर ने MBBS करने के लिए भरे 16.32 लाख, लेकिन उसके साथ हो गया खेला, चार पर FIR, जानिए पूरा मामला

Gujarat गुजरात के मेहसाणा से एमबीबीएस की डिग्री में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है जिसका शिकार एक होम्योपैथी डॉक्टर हो गए। उन्होंने कोर्स के लिए 16.32 लाख की फीस भी भरी थी। अब मामले पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जानिए क्या है पूरा मामला और गिरोह ने कैसे होम्योपैथ को झांसे में फंसाया।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Tue, 18 Jun 2024 10:30 PM (IST)
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पुलिस ने मामले में चार लोगों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। (File Photo)
पीटीआई, मेहसाणा। गुजरात के मेहसाणा में एक होम्योपैथी डॉक्टर के साथ धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है, जहां 16.32 लाख रुपए की फीस भरने के बाद उसे एमबीबीएस की फर्जी डिग्री मिली। अब मामले में चार लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है।

पीटीआई की रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से बताया गया है कि बीएचएमएस की डिग्री रखने वाले सुरेश पटेल (41) की शिकायत के आधार पर, नंदासन पुलिस ने 14 जून को धारा 406 (विश्वास का उल्लंघन) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने एफआईआर में नैनीताल निवासी डॉ. प्रेमकुमार राजपूत, मुरादाबाद के डॉ. शौकत खान और दक्षिणी दिल्ली निवासी अरुण कुमार और आनंद कुमार को आरोपी बनाया है।

वेबसाइट से मिली जानकारी

एफआईआर के अनुसार, 2018 में, नंदासन गांव के एक निजी अस्पताल में काम करने वाले सुरेश पटेल को झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में एमबीबीएस एडमिशन देने वाली एक वेबसाइट मिली। वेबसाइट में दी गई डिटेल्स के अनुसार उसने अधिक जानकारी के लिए प्रेमकुमार राजपूत को फोन किया। कई राउंड की बातचीत के बाद सुरेश फीस देने को तैयार हो गया। आरोपी ने सुरेश से कहा कि वह साढ़े पांच साल का कोर्स पूरा करने के बाद बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल करेगा।

शिकायतकर्ता ने जुलाई 2018 और मार्च 2019 के बीच आरोपियों के बैंक खातों में 16.32 लाख रुपये जमा कराए। उसे आश्वासन दिया गया कि कोर्स जल्द ही शुरू होगा। हालांकि, इसके बाद जल्द ही आरोपियों से संपर्क टूट गया और उनके फोन बंद आने लगे। मार्च 2019 में पटेल को उनके कार्यस्थल पर एक कूरियर मिला, जिसमें उनके नाम पर मार्कशीट, प्रशिक्षण और रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र के साथ एक डिग्री मिली।

फर्जी निकली डिग्री

प्रमाणपत्रों में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) और गुजरात मेडिकल काउंसिल द्वारा जारी पंजीकरण संख्याएं थीं, बाद में एमसीआई और विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुष्टि की कि दस्तावेज नकली थे। 2019 में पटेल ने मेहसाणा पुलिस को धोखाधड़ी के मामले में आवेदन दिया था। पुलिस की एक टीम और पटेल एक आरोपी का पता लगाने के लिए दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार पहुंचे, लेकिन वहां कोई और रह रहा था।

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