आगे भी काम करना है इसलिए... सोमनाथ मंदिर में पूजा करने के बाद ISRO चीफ ने Chandrayaan 3 मिशन को लेकर क्या कहा?
इसरो चीफ एस सोमनाथ अक्सर पूजा-अर्चना के लिए मंदिर जाते रहते हैं। गुरुवार को उन्होंने गुजरात के सोमनाथ मंदिर में पूजा की। सोमनाथ मंदिर में पूजा करने के बाद एस सोमनाथ ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट-लैंडिंग हो सकी। बता दें कि अब इसरो की निगाहें शुक्र ग्रह पर टिकी है।
गीर सोमनाथ, एएनआई। ISRO Chief in Somnath Mandir। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने गुरुवार गुजरात के सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) और आदित्य एल-1 (Aditya L-1 Mission) की सफलता के बाद दुनियाभर में इसरो का डंका बज रहा है।
भले ही इस कामयाबी के पीछे इसरो के वैज्ञानिकों का हाथ है, लेकिन एस सोमनाथ कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि इसरो की इन सफलता के पीछे ईश्वर का भी आशीर्वाद है।
इसरो को भगवान के आशीर्वाद की जरूरत: एस सोमनाथ
सोमनाथ मंदिर में पूजा करने के बाद एस सोमनाथ ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा,"यह हमारा सौभाग्य है कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट-लैंडिंग हो सकी। यह भगवान सोमनाथ का आशीर्वाद है। एस सोमनाथ ने आगे कहा, "हमें अन्य मिशनों पर भी काम करना है इसलिए हमें ताकत और आशीर्वाद की जरूरत है।
#WATCH | ISRO Chief S Somnath offers prayers and does Puja at Shree Somnath temple in Gujarat
(Video Source: Somnath Temple Trust) pic.twitter.com/cVdC00YWd7— ANI (@ANI) September 28, 2023
मिशन 'शुक्रयान' पर टिकी इसरो की निगाहें
चांद, मंगल और सूर्य की जानकारी जुटाने के बाद अब इसरो की निगाहें शुक्र ग्रह पर है। कुछ दिनों पहले इसरो चीफ ने जानकारी दी थी कि भारत का अगला मिशन हमारे सौर मंडल का सबसे चमकीले ग्रह शुक्र होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि इस मिशन के लिए पेलोड पहले ही विकसित किए जा चुके हैं। इस मिशन को 'शुक्रयान' नाम दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, अगले कुछ सालों में इस मिशन की तैयारी पूरी हो जाएगी और शुक्रयान लॉन्च होने के लिए तैयार हो जाएगा।
मेरे जीवन का हिस्सा है आध्यात्म: एस सोमनाथ
अक्सर पूजा-अर्चना के लिए एस सोमनाथ मंदिर जाते रहते हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो चीफ केरल के पूर्णमिकवु इलाके में मौजूद भद्रकाली मंदिर पहुंचे थे।
मंदिर में पूजा करने के बाद उन्होंने कहा,मैं एक एक्सप्लोरर हूं। मैं चंद्रमा से जुड़ी जानकारियों की खोज करता हूं। विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों का पता लगाना, मेरे जीवन की यात्रा का एक हिस्सा है। इसलिए मैं कई मंदिरों में जाता हूं और मैंने कई धर्मग्रंथ पढ़े हैं।"