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भोपाल से 1814 करोड़ की ड्रग्स जब्त, दवा बनाने का कच्चा माल भी बरामद

भोपाल में एक फैक्ट्री से 1814 करोड़ रुपये कीमत की मेडिकल ड्रग्स और उसका कच्चा माल जब्त किया गया है। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने रविवार को कहा कि संयुक्त अभियान गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) दिल्ली द्वारा चलाया गया था। कुछ दिनों पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी 562 किलो कोकेन और 40 किलो थाईलैंड का गांजा जब्त किया

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Sun, 06 Oct 2024 03:24 PM (IST)
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भोपाल में एक फैक्ट्री से 1,814 करोड़ रुपये कीमत की मेडिकल ड्रग्स जब्त।(फोटो सोर्स: @sanghaviharsh)
जेएनएन, भोपाल। भोपाल के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी एक फैक्ट्री में मादक दवा एमडी ड्रग (मेफेड्रोन) बनाने का कारखाना पकड़ा गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और गुजरात एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) ने यहां शनिवार को छापेमारी कर एमडी ड्रग और इसे बनाने में उपयोग होने वाला कच्चा माल जब्त किया है। छापे में 907 किलो एमडी ड्रग ठोस और तरल रूप में मिली है। यहां नासिक (महाराष्ट्र) का रहने वाला सान्याल बाने और भोपाल के कोटरा सुल्तानाबाद निवासी अमित प्रकाशचंद्र चतुर्वेदी एमडी ड्रग बना रहे थे।

न्यायालय में किया गया पेश

गुजरात एटीएस ने दोनों को गिरफ्तार कर रविवार को भोपाल जिला न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें आठ दिन की पुलिस हिरासत में एटीएस को सौंप दिया। एटीएस उन्हें देर शाम गुजरात लेकर रवाना हो गई है। दोनों आरोपितों से पूछताछ के बाद इनके साथ कारोबार में लिप्त मंदसौर के हरिस अंजना नामक व्यक्ति को भी मप्र पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की है।

1814 करोड़ रुपये है कीमत

मामले में भोपाल पुलिस ने उद्योग विभाग से जमीन लेने वाले जयदीप सिंह और उनसे यह जमीन लेने वाले एके सिंह के विरुद्ध भी एफआईआर कायम की है। उधर, गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि गुजरात एटीएस और एनसीबी (ऑपरेशन) ने अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई कर एमडी ड्रग और इसे बनाने की सामग्री जब्त की है, जिसकी कीमत 1814 करोड़ रुपये है।

बंद फैक्ट्री में चल रहा था कारोबार

एटीएस सूत्रों के अनुसार एमडी ड्रग के अवैध कारोबार में गिरफ्तार सूरत के एक युवक ने पूछताछ में बताया था कि भोपाल में भी ड्रग बनाई जा रही है। इसके बाद गुजरात एटीएस ने खुफिया जानकारी जुटाई। पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद गुजरात एटीएस के डीएसपी एसएल चौधरी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम और एनसीबी दिल्ली के अधिकारियों ने छापा डाला। जिस बंद फैक्ट्री में यह कारोबार चल रहा था, वह भोपाल के भरत नगर निवासी एके सिंह की है।

रोजाना 25 किलो ड्रग हो रहा था तैयार

यहां पहले फर्नीचर और बाद में उर्वरक बनाने का काम होता था। सात माह पहले यह फैक्ट्री उन्होंने बंद कर दी थी। इसके बाद आरोपित सान्याल बाने और अमित प्रकाश ने फैक्ट्री किराए पर ले ली थी। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपित लगभग 25 किलो ड्रग प्रतिदिन बना रहे थे। ड्रग बनाने में उपयोग होने वाला लगभग पांच हजार किलोग्राम कच्चा माल, मिक्सर, ग्राइंडर, हीटर, ग्लास फ्लास्क और अन्य उपकरण जब्त कर फैक्ट्री को सील कर दिया गया है।

कैसी-कैसी लापरवाही

  • उद्योग विभाग से पहले साबुन बनाने के लिए जयदीप सिंह ने जमीन ली। इसके बाद जयदीप से एके सिंह ने फर्नीचर बनाने के लिए यह जमीन ले ली। यहां वह उर्वरक बनाने लगे। बाद में उसे बंद कर बिना पुलिस सत्यापन अमित और सान्याल को किराये पर दे दिया।
  • पुलिस आयुक्त व्यवस्था पर भी प्रश्न उठ रहे हैं कि सात माह से यहां ड्रग बनाने का काम चल रहा था। मशीनें चल रही थीं, पर पुलिस ने एक बार भी झांकने की कोशिश नहीं की।
  • जमीन आवंटित होने के बाद करीब चार साल से उद्योग विभाग की ओर से कोई अधिकारी यह देखने नहीं पहुंचा कि उद्योग लगा भी या नहीं।

अब आगे क्या

  • गुजरात एटीएस यह पता करने में लगी है कहीं इससे आने वाला पैसा आतंकी गतिविधियों में तो उपयोग नहीं हो रहा था। इसमें मप्र एटीएस और पुलिस का सहयोग भी लिया जाएगा।
  • एमडी ड्रग की आपूर्ति का नेटवर्क क्या था। इसमें कौन-कौन शामिल हैं। विदेश में आपूर्ति तो नहीं की जा रही थी।
  • पुलिस ने बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में अन्य उद्योगों की जांच भी शुरू कर दी है।

पांच वर्ष तक जेल में रह चुका है सान्याल, केमिकल सप्लायर था अमित

आरोपित सान्याल बाने वर्ष 2017 में महाराष्ट्र के अंबोली पुलिस थाना क्षेत्र में एक किलो एमडी ड्रग के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसे पांच वर्ष की सजा हुई थी। जेल से छूटने के बाद उसने अपने पुराने दोस्त अमित प्रकाश चतुर्वेदी से संपर्क किया। दोनों ने ड्रग बनाने और बेचने का काम शुरू कर दिया। अमित इससे पहले केमिकल सप्लाई का काम करता था।

क्या है एमडी ड्रग

एमडी ड्रग का रासायनिक नाम मिथाइल डाइआक्सी मेथएम्फेटामीन है। यह सिंथेटिक ड्रग है, जो टैबलेट और पावडर के रूप में मिलता है।

गुजरात एटीएस तथा एनसीबी दिल्ली द्वारा भोपाल में की गई संयुक्त कार्रवाई के दौरान मध्य प्रदेश पुलिस के द्वारा सराहनीय मदद की गई। ऑपरेशन की सफलता में मध्य प्रदेश पुलिस के अमूल्य योगदान के लिए मैं उन्हें हार्दिक बधाई देता हूं। इस ऑपरेशन की आगे की जांच में मध्य प्रदेश पुलिस गुजरात एटीएस की निरंतर मदद कर रही है। इस तरह के विभिन्न राज्यों व केंद्रीय एजेंसियों के समन्वित प्रयास से ही नारकोटिक्स के विरुद्ध लड़ाई जीती जा सकती है। -हर्ष संघवी, गृह राज्य मंत्री, गुजरात

सभी केंद्रीय एजेंसियों और प्रदेश सरकारों का सहयोग करेंगे: मुख्यमंत्री

गुजरात के गृह राज्य मंत्री द्वारा इस मामले में प्रदेश सरकार के सहयोग पर प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट किया कि नशे के विरुद्ध हर कार्रवाई पर मप्र सरकार सभी केंद्रीय एजेंसियों और प्रदेश सरकारों के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।

कांग्रेस का सवाल- क्या कर रहे मुख्यमंत्री

भोपाल में एमडी ड्रग का कारखाना पकड़े जाने के बाद कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि अगर राजधानी भोपाल में ही ड्रग की फैक्ट्री चल रही थी तो गृह मंत्री के रूप में आप (मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव) क्या कर रहे हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने भी पुलिस व्यवस्था पर प्रश्न उठाए हैं।

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