भोपाल से 1814 करोड़ की ड्रग्स जब्त, दवा बनाने का कच्चा माल भी बरामद
भोपाल में एक फैक्ट्री से 1814 करोड़ रुपये कीमत की मेडिकल ड्रग्स और उसका कच्चा माल जब्त किया गया है। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने रविवार को कहा कि संयुक्त अभियान गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) दिल्ली द्वारा चलाया गया था। कुछ दिनों पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी 562 किलो कोकेन और 40 किलो थाईलैंड का गांजा जब्त किया
न्यायालय में किया गया पेश
1814 करोड़ रुपये है कीमत
मामले में भोपाल पुलिस ने उद्योग विभाग से जमीन लेने वाले जयदीप सिंह और उनसे यह जमीन लेने वाले एके सिंह के विरुद्ध भी एफआईआर कायम की है। उधर, गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि गुजरात एटीएस और एनसीबी (ऑपरेशन) ने अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई कर एमडी ड्रग और इसे बनाने की सामग्री जब्त की है, जिसकी कीमत 1814 करोड़ रुपये है।बंद फैक्ट्री में चल रहा था कारोबार
रोजाना 25 किलो ड्रग हो रहा था तैयार
यहां पहले फर्नीचर और बाद में उर्वरक बनाने का काम होता था। सात माह पहले यह फैक्ट्री उन्होंने बंद कर दी थी। इसके बाद आरोपित सान्याल बाने और अमित प्रकाश ने फैक्ट्री किराए पर ले ली थी। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपित लगभग 25 किलो ड्रग प्रतिदिन बना रहे थे। ड्रग बनाने में उपयोग होने वाला लगभग पांच हजार किलोग्राम कच्चा माल, मिक्सर, ग्राइंडर, हीटर, ग्लास फ्लास्क और अन्य उपकरण जब्त कर फैक्ट्री को सील कर दिया गया है।कैसी-कैसी लापरवाही
- उद्योग विभाग से पहले साबुन बनाने के लिए जयदीप सिंह ने जमीन ली। इसके बाद जयदीप से एके सिंह ने फर्नीचर बनाने के लिए यह जमीन ले ली। यहां वह उर्वरक बनाने लगे। बाद में उसे बंद कर बिना पुलिस सत्यापन अमित और सान्याल को किराये पर दे दिया।
- पुलिस आयुक्त व्यवस्था पर भी प्रश्न उठ रहे हैं कि सात माह से यहां ड्रग बनाने का काम चल रहा था। मशीनें चल रही थीं, पर पुलिस ने एक बार भी झांकने की कोशिश नहीं की।
- जमीन आवंटित होने के बाद करीब चार साल से उद्योग विभाग की ओर से कोई अधिकारी यह देखने नहीं पहुंचा कि उद्योग लगा भी या नहीं।
अब आगे क्या
- गुजरात एटीएस यह पता करने में लगी है कहीं इससे आने वाला पैसा आतंकी गतिविधियों में तो उपयोग नहीं हो रहा था। इसमें मप्र एटीएस और पुलिस का सहयोग भी लिया जाएगा।
- एमडी ड्रग की आपूर्ति का नेटवर्क क्या था। इसमें कौन-कौन शामिल हैं। विदेश में आपूर्ति तो नहीं की जा रही थी।
- पुलिस ने बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में अन्य उद्योगों की जांच भी शुरू कर दी है।
पांच वर्ष तक जेल में रह चुका है सान्याल, केमिकल सप्लायर था अमित
क्या है एमडी ड्रग
एमडी ड्रग का रासायनिक नाम मिथाइल डाइआक्सी मेथएम्फेटामीन है। यह सिंथेटिक ड्रग है, जो टैबलेट और पावडर के रूप में मिलता है।गुजरात एटीएस तथा एनसीबी दिल्ली द्वारा भोपाल में की गई संयुक्त कार्रवाई के दौरान मध्य प्रदेश पुलिस के द्वारा सराहनीय मदद की गई। ऑपरेशन की सफलता में मध्य प्रदेश पुलिस के अमूल्य योगदान के लिए मैं उन्हें हार्दिक बधाई देता हूं। इस ऑपरेशन की आगे की जांच में मध्य प्रदेश पुलिस गुजरात एटीएस की निरंतर मदद कर रही है। इस तरह के विभिन्न राज्यों व केंद्रीय एजेंसियों के समन्वित प्रयास से ही नारकोटिक्स के विरुद्ध लड़ाई जीती जा सकती है। -हर्ष संघवी, गृह राज्य मंत्री, गुजरात