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Gujarat: मोरबी पुल की मरम्मत के दौरान केबल नहीं बदले गए, केवल फर्श बदल दिया गया; अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से कहा

गुजरात के मोरबी पुल की मरम्मत के दौरान उसके फर्श को बदल दिया गया लेकिन केबल को नहीं बदला गया। जिन ठेकेदारों को यह काम करने की जिम्मेदारी दी गई वह इसके योग्य नहीं थे। यह बात अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से कही।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Wed, 02 Nov 2022 10:41 AM (IST)
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मोरबी पुल के केबल को नहीं बदलने से हुआ हादसा (फाइल फोटो)
मोरबी, पीटीआई। Gujarat Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज की मरम्मत करने वाले ठेकेदार ऐसे काम करने के योग्य नहीं थे। यह बात अभियोजन पक्ष ने यहां की एक अदालत को बताया। अभियोजन पक्ष ने फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मंगलवार को मजिस्ट्रेट की अदालत को बताया कि पुल के फर्श को बदल दिया गया था, लेकिन इसके केबल को नहीं बदला गया था और यह बदले हुई फर्श का भार नहीं सह सकता था। रविवार शाम को पुल गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी। 

चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एम जे खान ने गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों ओरेवा समूह के दो प्रबंधकों और पुल की मरम्मत करने वाले दो उप-ठेकेदारों को शनिवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। अभियोजक एच एस पांचाल ने कहा कि अदालत ने सुरक्षा गार्ड और टिकट बुकिंग क्लर्क सहित पांच अन्य गिरफ्तार लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया, क्योंकि पुलिस ने उनकी हिरासत की मांग नहीं की थी। पुलिस ने सोमवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

कौन हैं चारों आरोपी?

पुलिस हिरासत में भेजे गए चार आरोपियों में ओरेवा के प्रबंधक दीपक पारेख और दिनेश दवे, और मरम्मत करने वाले ठेकेदार प्रकाश परमार और देवांग परमार शामिल थे, जिन्हें ओरेवा समूह ने काम पर रखा था। पांचाल ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि फोरेंसिक विशेषज्ञों का मानना ​​है कि नए फर्श के वजन के कारण पुल की मुख्य केबल टूट गई है। हालांकि, एफएसएल रिपोर्ट एक सीलबंद कवर में प्रस्तुत की गई थी।

'पुल के केबल नहीं बदले गए, केवल फर्श बदल दिया गया'

पांचाल ने संवाददाताओं से कहा, 'रिमांड याचिका के दौरान यह उल्लेख किया गया था कि नवीनीकरण के दौरान पुल के केबल नहीं बदले गए थे और केवल फर्श बदल दिया गया था। फर्श और केबल के लिए चार-परत एल्यूमीनियम शीट के कारण पुल का वजन बढ़ गया था। उस वजन के कारण टूट गया।'

काम करने के योग्य नहीं थे ठेकेदार

अभियोजक ने अदालत को यह भी बताया कि दोनों मरम्मत करने वाले ठेकेदार इस तरह के काम को करने के लिए 'योग्य नहीं' थे। इसके बावजूद, इन ठेकेदारों को 2007 में और फिर 2022 में पुल मरम्मत का काम दिया गया था। इसलिए उन्हें चुनने का कारण क्या था और किसके कहने पर उन्हें चुना गया था, यह पता लगाने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत थी।

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