Morbi Bridge Collapse: SIT रिपोर्ट से खुलासा, जंग खाई केबल की वजह से हुआ मोरबी हादसा, पहले ही टूट चुके थे तार
Morbi Bridge Collapse एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि मुख्य केबल की 49 तारों में से 22 में जंग लगा था। बीते साल मच्छू नदी पर बने झूला पुल टूटने से 135 लोग मारे गए थे।
By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 20 Feb 2023 04:12 AM (IST)
मोरबी (गुजरात), प्रेट्र। Morbi Bridge Collapse गुजरात सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) ने मोरबी हादसे पर अपनी प्रारंभिक जांच में पाया है कि पुल पर केबल के लगभग आधे तारों में जंग लगना, रिपेयर के दौरान पुराने और नए तारों को एक साथ वेल्डिंग करना आदि हादसे की मुख्य वजह रहे। इसके चलते पुल के कमजोर तार टूट गए। बता दें कि पिछले साल 30 अक्टूबर को मोरबी में मच्छू नदी पर बना झूला पुल टूटने से 135 लोग मारे गए थे।
पुल के रखरखाव और संचालन में कई खामियां
SIT की इस रिपोर्ट को हाल ही में राज्य शहरी विकास विभाग द्वारा मोरबी नगर पालिका के साथ साझा किया गया है। अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) पर मच्छू नदी पर बने ब्रिटिश काल के सस्पेंशन ब्रिज के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी थी। एसआइटी ने पुल की मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई खामियां पाईं।
दो मुख्य केबलों में से एक केबल में जंग की समस्या
एसआइटी ने पाया कि मच्छू नदी पर 1887 में तत्कालीन शासकों द्वारा बनाए गए पुल की दो मुख्य केबलों में से एक केबल में जंग की समस्या थी और इसके लगभग आधे तार 30 अक्टूबर को केबल टूटने से पहले ही टूटे हो सकते हैं। बता दें आइएएस अधिकारी राजकुमार बेनीवाल, आइपीएस सुभाष त्रिवेदी, राज्य सड़क और भवन विभाग के एक सचिव, एक मुख्य अभियंता और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के एक प्रोफेसर इस पांच सदस्यीय एसआइटी के सदस्य थे।
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