Gujarat: मोरबी के मच्छु नदी पर बने ब्रिज पर लगभग 300 से अधिक लोग थे मौजूद, देखें घटना की दर्दनाक तस्वीरें
गुजरात के मोरबी जिले में एक मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूट गया। इस हादसे में पुल पर सवार लगभग 150 लोग डूब गए। इस हादसे में लगभग तीस लोगों की मौत होने की खबर है। पीएम मोदी ने इस घटना पर दुख जताई है।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 30 Oct 2022 09:19 PM (IST)
अहमदाबाद, आनलाइन डेस्क। गुजरात के मोरबी जिले में एक मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूट गया। इस हादसे में पुल पर सवार लगभग 150 लोग डूब गए। इस हादसे में लगभग तीस लोगों की मौत होने की खबर है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस पुल पर हादसे के समय 150 से लेकर करीब 400 तक लोग उसपर सवार थे। पीएम मोदी ने इस घटना पर दुख जताई है। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से इस पर जानकारी देने को कहा है। उन्होंने घटना में पीड़ित सभी लोगों को मदद का भरोसा भी दिया है। पीएम मोदी ने इस घटना में मारे गए मृतकों के परिवारों के लिए दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार आर्थिक मदद देने की घोषणा की।
एनडीआरएफ की दो टीमों को किया गया रवाना
राजकोट के दमकल विभाग की 7 टीमों को बचाव के लिए घटना स्थल पर बुलाया गया है। इसके अलावा एसडीआरएफ की टीम के अलावा नावों समेत टीमों को भी बचाव कार्य के लिए बुलाया गया है। राजकोट शहर और जिले की एंबुलेंस को मोरबी के लिए रवाना कर दिया गया है। बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी बुला ली गई है। गांधीनगर से एनडीआरएफ की दो टीमें मौके पर भेजी गई हैं।
मोरबी में करीब 500 साल पहले रियासत काल में बनाया गया झूलता हुआ पुल अचानक टूट गया। पुल पर 300 के करीब लोग मौजूद थे जो सभी मच्छु नदी में जा गिरे।
पहले इस ब्रिज को 6 महीने के लिए रेनोवेशन के लिए बंद कर दिया गया था। 2 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार के बाद नए साल के दिन ही पुल को दर्शकों के लिए खोला गया था।
गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी व अन्य अधिकारियों से बात की है। स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से राहत कार्य में लगा है, NDRF भी शीघ्र घटनास्थल पर पहुंच रही है।घटना की जानकारी मिलने के बाद मंत्री बृजेश मेरजा के अलावा रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई है। अभी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
38 साल पहले गुजरात में एक बांध हादसा हुआ था जिसमें सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक हजार लोग मारे गये थे। विपक्ष के मुताबिक 25 हजार लोग मरे थे। 11 अगस्त 1979 को दोपहर करीब सवा तीन बजे मच्छू डैम टूट गयाथा, इसके चलते 15 मिनट में ही पूरा शहर पानी में डूब गया था।
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