Surat: पांच दिन के शिशु के अंगों ने तीन बच्चों को दी नई जिंदगी, सूरत में 13 अक्टूबर को जन्मा था नवजात
सूरत शहर में पांच दिन के मस्तिष्क मृत शिशु के अंगों से तीन बच्चों को नया जीवन मिला। मृत शिशु का लीवर नई दिल्ली में नौ माह के मासूम को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित कर दिया गया है। वहीं दो किडनियों ने 13 वर्ष और 15 वर्ष के बच्चों को नया जीवनदान दिया। मृत शिशु के कार्निया व प्लीहा को संबंधित संस्थानों में जमा करा दिया गया है।
पीटीआई, सूरत। गुजरात के सूरत शहर में पांच दिन के मस्तिष्क मृत शिशु के अंगों से तीन बच्चों को नया जीवन मिला। इन बच्चों में नवजात की किडनियां और लीवर प्रत्यारोपित किए गए हैं। सूरत के एक निजी अस्पताल में 13 अक्टूबर को एक बालक का जन्म हुआ। परिवार खुशियां मना रहा था लेकिन बालक द्वारा कोई हलचल नहीं करने से उनकी खुशी कुछ ही देर में गम में बदल गई। काफी प्रयासों के बावजूद बालक को नहीं बचाया जा सका और उसे मस्तिष्क मृत घोषित कर दिया गया।
माता-पिता को अंगदान के लिए एनजीओ ने किया राजी
नवजात की स्थिति की जानकारी पर एनजीओ जीवनदीप अंग दान संस्था (जेओडीएफ) के प्रबंध ट्रस्टी विपुल तलाविया व डा. नीलेश कछाड़िया बाल चिकित्सा अस्पताल पहुंचे, जहां नवजात भर्ती था। उन्होंने नवजात के माता-पिता हर्ष संघानी और चेतना को नवजात के अंगों को दान कर अन्य का जीवन बचाने के लिए राजी किया।
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अमरेली निवासी हर्ष व उनके परिवार ने मृत शिशु के अंगों को दान करने की सहमति दे दी। इसके बाद पीपी सवानी अस्पताल के चिकित्सकों ने बुधवार को शिशु के शरीर से दो किडनी, दो कार्निया, लीवर और प्लीहा निकाले।
मृत शिशु का लीवर नई दिल्ली में नौ माह के मासूम को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित कर दिया गया है। वहीं दो किडनियों ने 13 वर्ष और 15 वर्ष के बच्चों को नया जीवनदान दिया। मृत शिशु के कार्निया व प्लीहा को संबंधित संस्थानों में जमा करा दिया गया है।
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