Somnath Temple Trust: पीएम मोदी को सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना गया
Somnath Temple Trust केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित बैठक में शामिल सभी छह सदस्यों ने सर्वसम्मति से मोदी को सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना। केशुभाई पटेल का अक्टूबर 2020 को निधन हो जाने से सोमनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया था।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Mon, 18 Jan 2021 09:52 PM (IST)
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना गया है। पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के निधन के चलते यह पद खाली हो गया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित बैठक में शामिल सभी छह सदस्यों ने सर्वसम्मति से मोदी को ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना। सोमवार को सोमनाथ ट्रस्ट की ऑनलाइन बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, वरिष्ठ ट्रस्टी जेपी परमार, गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव पीके लहरी तथा अंबुजा सीमेंट समूह के हर्षवद्धन निवेटिया शामिल हुए। ट्रस्टी लहरी ने बताया कि ट्रस्टी मंडल की इस ऑनलाइन बैठक में सोमनाथ ट्रस्ट के सभी छह सदस्य शामिल हुए। सभी ने सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका अध्यक्ष चुना। परमार इस ट्रस्ट में 45 वर्ष से सदस्य हैं तथा संस्कृत के विद्वान हैं।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का अक्टूबर 2020 को निधन हो जाने से सोमनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया था। केशुभाई पिछले 15 साल से ट्रस्ट के अध्यक्ष थे। सोमनाथ ट्रस्ट में अभी ट्रस्टी के दो पद रिक्त हैं। ट्रस्ट की आगामी बैठक सितंबर 2021 में होगी, जिसमें दो नए ट्रस्टी चुने जाएंगे।अक्टूबर 1949 में हुई थी पहली बैठक
सोमनाथ ट्रस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी सहित 6 सदस्य हैं। सोमनाथ ट्रस्ट की पहली बैठक अक्टूबर 1949 में हुई थी। इसमें नवानगर के जाम साहब दिग्विजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया था, जाम साहब सोमनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में 1 967 तक काम करते रहे। सोमनाथ ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष केशुभाई पटेल का गत माह निधन हो जाने के चलते यह पद खाली हो गया। ट्रस्ट की 11 जनवरी को होने वाली बैठक में नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। ट्रस्ट मंडल में 8 सदस्यों की जगह है, जिसमें हाल दो जगह खाली है इसमें एक केंद्र सरकार तथा एक राज्य सरकार का पद है।
सोमनाथ मंदिर का नव निर्माण
भारत के इतिहास में सोमनाथ मंदिर का काफी महत्व है। महमूद गजनवी ने कई बार हम लेकर इस मंदिर को लूटा नेस्तनाबूद किया लेकिन हर बार प्रभास पाटन के राज परिवार तथा ब्राह्मण परिवार के लोगों ने इस मंदिर का नव निर्माण किया। चालुक्य शैली में बने इस मंदिर का आखरी बार नव निर्माण देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने कराया था। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सोमनाथ मंदिर के ज्योतिर्लिंग को बाहर ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर का निर्माण आजादी के बाद मई, 1951 में कराया गया था।
सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र प्राचीन इतिहास में सोमनाथ मंदिर की समृद्धि तथा वैभव की कई गाथाएं मौजूद हैं और बताया जाता है कि इसकी संपन्नता के कारण है हमलावर लुटेरों के हमेशा यह निशाने पर रहा। अरब सागर किनारे बने इस वैभवशाली मंदिर को लूटने के लिए हर बार हमलावर समुद्री किनारे से आते और सोना हीरे जवाहरात आदि लूट कर इसी रास्ते वापस लौट जाते थे। सोमनाथ मंदिर ने पिछली कई सदियों के इतिहास में अपना स्वर्णिम इतिहास के रूप में नाम दर्ज कराया है। सौराष्ट्र के प्रभास पाटन जिले में स्थित यह मंदिर देश विदेश के श्रद्धालुओं तथा सैलानियों का भी आकर्षण का केंद्र रहा है।
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