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राहुल गांधी ने वकील और कांग्रेसियों की नहीं मानी बात, कोर्ट में माफी मांग लेते तो मिलती कम सजा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अगर अपने वकील और कांग्रेसियों की बात मान लेते तो उनकी सजा कम हो सकती थी और उन्हें अपनी संसद सदस्यता से भी हाथ नहीं धोना पड़ता। यह बात सूरत जिला कांग्रेस के अध्‍यक्ष हसमुख देसाई ने कही है।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 26 Mar 2023 08:23 AM (IST)
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राहुल गांधी ने अपने वकील और गुजरात कांग्रेसियों की नहीं मानी बात

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। मानहानि के मामले में फंसकर संसद की सदस्‍यता गंवाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनके वकील एवं गुजरात कांग्रेस के नेताओं ने कोर्ट के निर्णय से पहले समझाया था कि वे माफी मांग लेते हैं तो सब ठीक हो जाएगा, लेकिन राहुल ने इससे इनकार कर दिया।

राहुल ने अधिवक्ताओं से कहा था- सॉरी

सूरत जिला कांग्रेस के अध्‍यक्ष हसमुख देसाई का दावा है कि मानहानि के मामले में अंतिम फैसला सुनने के लिए आए राहुल गांधी जब सूरत एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उनके साथ चल रहे वरिष्‍ठ अधिवक्‍ताओं ने समझाया था कि मामला बड़ा नहीं है। अगर वे इस मामले में अदालत के समक्ष माफी मांग लेते हैं तो शायद सजा से बच जाएंगे, लेकिन राहुल ने साफ मना करते हुए कहा- सॉरी।

राहलु ने नहीं मानी कांग्रेस नेताओं की बात

इसके बाद अदालत परिसर में गुजरात कांग्रेस के नेताओं ने भी राहुल से कहा था कि केंद्र सरकार और भाजपा उनके पीछे पड़ी है और वह किसी भी तरह उनकी संसद की सदस्‍यता को समाप्‍त कराना चाहती है। ऐसे में मोदी उपनाम को लेकर मानहानि के मामले में फंसे राहुल न्‍यायालय में माफी मांग लेते हैं तो शायद इसके कानूनी पचड़े में पड़ने से बच जाएंगे, लेकिन राहुल ने उनकी भी नहीं सुनी और उन्‍हें न्‍यायालय ने मानहानि की धारा 499 व 500 के तहत दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुना दी।

राहुल का किसी जाति का अपमान करने का इरादा नहीं था- वकील

न्‍यायालय में उनके वकील के सी पानवाला ने कहा कि राहुल का किसी जाति का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। शिकायतकर्ता को इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। आरोपी इससे पहले किसी भी तरह के अपराध में सजा नहीं हुई है।

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