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Rajkot Gaming Zone Fire: 'राज्य की मशीनरी पर भरोसा नहीं', गुजरात हाई कोर्ट ने राजकोट नगर निगम को लगाई फटकार

अदालत ने राजकोट नगर निगम को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि जब उसके क्षेत्र के अंतर्गत इस तरह का बड़ा ढांचा तैयार किया जा रहा थातब क्या उसने आंखें मूंद रखी थीं?इससे पहले नगर निगम के वकील ने अदालत से कहा था कि टीआरपी गेमिंग जोन ने अपेक्षित अनुमति नहीं मांगी थी।विशेष पीठ ने गेमिंग जोन में आग लगने की घटना पर स्वत संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही थी।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Mon, 27 May 2024 11:45 PM (IST)
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गुजरात हाई कोर्ट ( फाइल फोटो )

पीटीआई, अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने गेमिंग जोन अग्निकांड में 35 लोगों की मौत को लेकर सोमवार को राजकोट नगर निगम को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उसका राज्य की मशीनरी पर से भरोसा उठ गया है। यह केवल तब हरकत में आती है, जब मासूम लोगों की जान जा चुकी होती है।

अदालत ने राजकोट नगर निगम को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि जब उसके क्षेत्र के अंतर्गत इस तरह का बड़ा ढांचा तैयार किया जा रहा था, तब क्या उसने आंखें मूंद रखी थीं? इससे पहले नगर निगम के वकील ने अदालत से कहा था कि टीआरपी गेमिंग जोन ने अपेक्षित अनुमति नहीं मांगी थी।

अदालत में चल रही है सुनवाई 

जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवन देसाई की विशेष पीठ गेमिंग जोन में आग लगने की घटना पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने यह भी कहा कि 2021 में टीआरपी गेमिंग जोन की स्थापना के समय से लेकर इस घटना (25 मई को) तक राजकोट के सभी नगर आयुक्तों को इस त्रासदी के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। पीठ ने नगर आयुक्तों को अलग-अलग शपथ पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

12 बच्चों समेत कम-से-कम 35 लोगों की मौत

राजकोट में 25 मई को टीआरपी गेमिंग जोन में आग लगने से 12 बच्चों समेत कम-से-कम 35 लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारियों के मुताबिक, गेमिंग जोन को फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) के बिना संचालित किया जा रहा था। हाई कोर्ट ने 26 मई को इस त्रासदी पूर्ण घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्टाया मानव जनित आपदा करार दिया।एक वकील ने अदालत को बताया कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए तत्काल निवारक और सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है।

'हमें राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं'

राज्य सरकार को एक व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने के लिए आगे आना होगा और इसके लिए सख्त कदम उठाने की दरकार है। इस पर अदालत ने कहा, इतने सख्त कदम कौन उठाएगा? ईमानदारी से कहूं तो अब हमें राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं रहा। इस अदालत के आदेशों के चार साल बाद, उन्हें निर्देश देने के बाद, उनके आश्वासन के बाद, यह घटित होने वाली छठी घटना है। वे केवल यही चाहते हैं कि जिंदगियां चली जाएं और फिर मशीनरी को काम पर लगाएं।

अग्निकांड मामले में तीसरी गिरफ्तारी

राजकोट पुलिस ने सोमवार को गेमिंग जोन के एक और साझेदार राहुल राठौड़ को गिरफ्तार कर लिया। यह इस मामले में तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले पुलिस गेमिंग जोन के मालिक युवराजसिंह और प्रकाश जैन को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने इस मामले में युवराजसिंह, राहुल राठौड़, प्रकाश जैन, किरीट सिंह, अशोक सिंह और धवल ठक्क्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

सात अधिकारी निलंबित

गुजरात सरकार ने राजकोट गेमिंग जोन में लगी आग के सिलसिले में सोमवार को सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया। अधिकारियों को आवश्यक अनुमोदन के बिना गेमिंग जोन को संचालित करने की अनुमति देने में घोर लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें राजकोट नगर निगम के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, सहायक नगर योजनाकार गौतम जोशी, सड़क और भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एमआर सुमा और पारस कोठिया तथा पुलिस निरीक्षक वीआर पटेल और एनआइ राठौड़ शामिल हैं।

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