Vibrant Gujarat Global Summit 2024: भूकंप की त्रासदी से उबरकर गुजरात बना भारत की ग्रोथ का पॉवरहाउस
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के बारे में वर्तमान और पूर्व अधिकारियों ने कहा कि गुजरात 10 से 12 जनवरी 2024 तक शिखर सम्मेलन के 10वें संस्करण की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। यह आयोजन नवाचार स्थिरता और वैश्विक सहयोग के माध्यम से आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करने की अपने प्लान पर आगे बढ़ रहा है जिससे प्रगति और समृद्धि में इसकी भूमिका मजबूत हो रही है।
पीटीआई, अहमदाबाद। 20 साल पहले शुरू हुए वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ने राज्य की तस्वीर पूरी तरह बदल दी। एक समय भूकंप के कारण राज्य बुरी स्थिति में चला गया था। तब यह लगता है कि कैसे यह राज्य इस त्रासदी से उबर पाएगा। अपने जज्बे से गुजरात ने न सिर्फ त्रासदी की बुरी यादों को पीछे छोड़ा, बल्कि अर्थव्यवस्था का चक्का ऐसा घुमाया कि सभी यहां पर निवेश करने के लिए लालायित हैं। भूकंप के दो साल बाद शुरू किए गए वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ने राज्य की तस्वीर बदल दी।
वाइब्रेंट गुजरात का कब होगा आयोजन?
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के बारे में वर्तमान और पूर्व अधिकारियों ने कहा कि गुजरात 10 से 12 जनवरी, 2024 तक शिखर सम्मेलन के 10वें संस्करण की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। यह आयोजन नवाचार, स्थिरता और वैश्विक सहयोग के माध्यम से आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करने की अपने प्लान पर आगे बढ़ रहा है, जिससे प्रगति और समृद्धि में इसकी भूमिका मजबूत हो रही है।
इस आयोजन की सफलता के बारे में बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि 2003 में लॉन्च होने के बाद से वाइब्रेंट गुजरात समिट में भाग लेने वाले देशों की संख्या 2007 में 12 से बढ़कर 2019 में 135 हो गई है। देशों की संख्या का बढ़ना इसकी सफलता का प्रमाण है।
वाइब्रेंट गुजरात की कब हुई शुरुआत?
वाइब्रेंट गुजरात समिट व्यवसायी और सरकारों के लिए निवेश के अवसर तलाशने और साझेदारी स्थापित करने के लिए एक प्लेटफार्म के रूप में काम करता है। वाइब्रेंट गुजरात को 26 जनवरी, 2001 को शक्तिशाली भूकंप में लगभग 13,000 लोगों को गंवाने के दो साल बाद शुरू किया गया था।
पहला वाइब्रेंट गुजरात समिट 2003 में 3,000 वर्ग मीटर पर हुआ था। 2009 में यह बढ़कर 19,200 वर्ग मीटर और 2019 में 1.5 लाख वर्ग मीटर हो गया।
तत्कालीन राज्य मुख्य सचिव के रूप में इस अभियान के पहले दो संस्करणों का नेतृत्व करने वाले पीके लाहेरी ने इसकी वैश्विक सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उनके फोकस को दिया। लाहेरी ने याद करते हुए कहा,
जब हमने समिट शुरू की तो पीएम मोदी (तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री) ने सोचा कि इसमें पूरी तरह से शामिल होना बेहतर होगा। उन्हें लगभग 300 बड़ी इकाइयों की एक सूची मिली जो गुजरात में काम कर रही थीं, चाहे वह आईपीसीएल हो या गेल या सरकारी कंपनी या टोरेंट, अंबुजा जैसी निजी कंपनी। उन्होंने उनमें से प्रत्येक से बात की और उनसे पहली बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया।
'20 साल पहले बोया था एक छोटा बीज'
हाल के एक भाषण में पीएम मोदी ने याद किया कि 2003 में लॉन्च होने के बाद से इस कार्यक्रम का दायरा और महत्वाकांक्षा कैसे बढ़ी। उन्होंने कहा कि 20 साल पहले हमने एक छोटा सा बीज बोया था, जो आज एक विशाल पेड़ बन गया है।
संपत्ति सलाहकार कोलियर्स इंडिया के अनुसार, 2023 में गुजरात ने मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में सबसे अधिक 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया।
कोलियर्स के अध्ययन के अनुसार, गुजरात मैन्युफैक्चरिंग के लिए सबसे पसंदीदा स्थान है, दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र और तीसरे स्थान पर तमिलनाडु है। इसमें कहा गया है कि भारतीय मैन्युफैक्चरिंग बाजार में 2025-26 तक 1 ट्रिलियन डॉलर का वैल्यूएशन हासिल करने की क्षमता है। इसमें कहा गया है कि गुजरात में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पॉवरहाउस बनने की क्षमता है।
अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार के लिए इस बार का अभियान कई मायनों में खास है, जो राज्य के विकास और समृद्धि की दो दशकों की यात्रा को कवर करता है।
अब तक इस आयोजन के लिए 72 देशों के 72,500 से अधिक लोग और व्यापार-उद्योग संगठन पहले ही ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। मंगलवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्य उद्योग विभाग राज्य में पीएम मित्र पार्क, मेडिकल डिवाइसेस पार्क, फार्मा पार्क और टॉय पार्क में निवेश आकर्षित करने के लिए मंच का उपयोग करने की योजना बना रहा है।
इस आयोजन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और उनके मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों ने 11 देशों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने 200 वन-टू-वन बैठकों में भाग लिया और सरकार ने रोड शो का आयोजन किया, जिसमें दस शहरों में 106 से अधिक वन-टू-वन बैठकें शामिल थीं।
अगले महीने के आयोजन के लिए आयोजित वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट डिस्ट्रिक्ट कार्यक्रमों के दौरान संभावित निवेश के लिए 45,000 करोड़ रुपये के निवेश वाले एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि निवेश का लक्ष्य लगभग 1.75 लाख रोजगार के अवसर पैदा करना है।
आयोजन के लिए एक व्यापक योजना पेश करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग विभाग) एसजे हैदर ने कहा कि यह "उद्योग 4.0 जैसी थीम पर फोकस कर रहा है। इसका उद्देश्य औद्योगिक क्रांति, प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा देना है जिससे समावेशी ग्रोथ और स्थिरता पाई जाएगी।
वैश्विक व्यापार शो का होगा आयोजन
शिखर सम्मेलन शुरू होने से एक दिन पहले 9 जनवरी से पांच दिनों के लिए एक वैश्विक व्यापार शो का आयोजन किया गया है।
इसके अतिरिक्त योजनाओं में रिवर्स क्रेता-विक्रेता बैठक, विक्रेता विकास पहल और व्यापार शो के दौरान स्टार्टअप, एमएसएमई और महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने वाले सेमिनार शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि शिखर सम्मेलन में औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने वाले उद्योग 4.0, विमान सहायक उत्पाद एमआरओ के अवसर, धोलेरा-स्मार्ट बिजनेस के लिए ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी, विकसित भारत@2047 के लिए गुजरात का रोडमैप जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा।
समावेशी विकास के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार पर सेमिनार और सम्मेलन होंगे। सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स, बंदरगाह आधारित शहर विकास, भविष्य के उद्योग के लिए कार्यबल का निर्माण, कौशल विकास पर 4.0 युवा-केंद्रित कार्यक्रम, ईवी स्टार्टअप, गिफ्ट सिटी, अंतरिक्ष, नवीकरणीय ऊर्जा पर विशेष फोकस होगा।