Vibrant Gujarat Global Summit 2024: भूकंप की त्रासदी से उबरकर गुजरात बना भारत की ग्रोथ का पॉवरहाउस
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के बारे में वर्तमान और पूर्व अधिकारियों ने कहा कि गुजरात 10 से 12 जनवरी 2024 तक शिखर सम्मेलन के 10वें संस्करण की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। यह आयोजन नवाचार स्थिरता और वैश्विक सहयोग के माध्यम से आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करने की अपने प्लान पर आगे बढ़ रहा है जिससे प्रगति और समृद्धि में इसकी भूमिका मजबूत हो रही है।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 20 Dec 2023 06:32 PM (IST)
पीटीआई, अहमदाबाद। 20 साल पहले शुरू हुए वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ने राज्य की तस्वीर पूरी तरह बदल दी। एक समय भूकंप के कारण राज्य बुरी स्थिति में चला गया था। तब यह लगता है कि कैसे यह राज्य इस त्रासदी से उबर पाएगा। अपने जज्बे से गुजरात ने न सिर्फ त्रासदी की बुरी यादों को पीछे छोड़ा, बल्कि अर्थव्यवस्था का चक्का ऐसा घुमाया कि सभी यहां पर निवेश करने के लिए लालायित हैं। भूकंप के दो साल बाद शुरू किए गए वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ने राज्य की तस्वीर बदल दी।
वाइब्रेंट गुजरात का कब होगा आयोजन?
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के बारे में वर्तमान और पूर्व अधिकारियों ने कहा कि गुजरात 10 से 12 जनवरी, 2024 तक शिखर सम्मेलन के 10वें संस्करण की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। यह आयोजन नवाचार, स्थिरता और वैश्विक सहयोग के माध्यम से आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करने की अपने प्लान पर आगे बढ़ रहा है, जिससे प्रगति और समृद्धि में इसकी भूमिका मजबूत हो रही है।
इस आयोजन की सफलता के बारे में बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि 2003 में लॉन्च होने के बाद से वाइब्रेंट गुजरात समिट में भाग लेने वाले देशों की संख्या 2007 में 12 से बढ़कर 2019 में 135 हो गई है। देशों की संख्या का बढ़ना इसकी सफलता का प्रमाण है।
वाइब्रेंट गुजरात की कब हुई शुरुआत?
वाइब्रेंट गुजरात समिट व्यवसायी और सरकारों के लिए निवेश के अवसर तलाशने और साझेदारी स्थापित करने के लिए एक प्लेटफार्म के रूप में काम करता है। वाइब्रेंट गुजरात को 26 जनवरी, 2001 को शक्तिशाली भूकंप में लगभग 13,000 लोगों को गंवाने के दो साल बाद शुरू किया गया था।
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पहला वाइब्रेंट गुजरात समिट 2003 में 3,000 वर्ग मीटर पर हुआ था। 2009 में यह बढ़कर 19,200 वर्ग मीटर और 2019 में 1.5 लाख वर्ग मीटर हो गया।
तत्कालीन राज्य मुख्य सचिव के रूप में इस अभियान के पहले दो संस्करणों का नेतृत्व करने वाले पीके लाहेरी ने इसकी वैश्विक सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उनके फोकस को दिया। लाहेरी ने याद करते हुए कहा,
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।जब हमने समिट शुरू की तो पीएम मोदी (तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री) ने सोचा कि इसमें पूरी तरह से शामिल होना बेहतर होगा। उन्हें लगभग 300 बड़ी इकाइयों की एक सूची मिली जो गुजरात में काम कर रही थीं, चाहे वह आईपीसीएल हो या गेल या सरकारी कंपनी या टोरेंट, अंबुजा जैसी निजी कंपनी। उन्होंने उनमें से प्रत्येक से बात की और उनसे पहली बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया।