भारत हमेशा से हिंदू राष्ट्र है और रहेगा, देश को उत्तर-दक्षिण में बांटने का माहौल बनाया जा रहा- बोले दत्तात्रेय होसबाले
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने की कोई जरूरत ही नहीं है। भारत हमेशा से एक हिंदू राष्ट्र है और भविष्य में रहेगा। भारत पर कभी अंग्रेजों का भी राज था लेकिन राष्ट्र तब भी हिंदू ही था। साथ ही उन्होंने कहा कि देश की एकता के बारे में सोचना और समाज की बेहतरी के लिए कुछ वक्त देना ही हिंदुत्व है।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 07 Nov 2023 08:52 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने की कोई जरूरत ही नहीं है। भारत हमेशा से एक हिंदू राष्ट्र है और भविष्य में रहेगा। राज व्यवस्था एक अलग विषय है। भारत पर कभी अंग्रेजों का भी राज था, लेकिन राष्ट्र तब भी हिंदू ही था। साथ ही उन्होंने कहा कि देश की एकता के बारे में सोचना और समाज की बेहतरी के लिए कुछ वक्त देना ही हिंदुत्व है।
कच्छ के भुज में संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी बैठक के अंतिम दिन होसबाले ने पत्रकारों से कहा कि इस बैठक में विभिन्न राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन इस बार कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के 22 जनवरी को उद्घाटन से पहले आरएसएस कार्यकर्ता देश के लोगों को वहां आमंत्रित करने के लिए एक जनवरी से 15 जनवरी तक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएंगे, जिसके तहत वे घर-घर जाएंगे।
'देश को उत्तर-दक्षिण में बांटने का माहौल बनाया जा रहा'
उन्होंने कहा कि राजनीतिक सोच के साथ देश को उत्तर और दक्षिण भारत में बांटने का एक माहौल बनाया जा रहा है। जागरूक लोगों को ऐसे राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित प्रयास का विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य दक्षिण से निकले और समूचे भारत ने उनको स्वीकार किया। महात्मा गांधी गुजरात से, स्वामी विवेकानंद बंगाल से, भगत सिंह पंजाब से, सुखदेव, राजगुरु और लाल बाल पाल विविध राज्यों से थे, लेकिन समूचे राष्ट्र ने उनको स्वीकार किया।अंग्रेजों के शासन में भी भारत हिंदू राष्ट्र ही था- होसबाले
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने संबंधी एक प्रश्न के जवाब में होसबाले ने कहा कि जब तक इस धरती पर एक भी हिंदू रहता है तब तक यह हिंदू राष्ट्र ही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज व्यवस्था एक अलग विषय है। भारत पर जब अंग्रेजों का शासन था तब भी राष्ट्र हिंदू ही था। उन्होंने कहा कि देश में वर्ममान में संघ के 37.90 लाख स्वयंसेवक हैं। हर मंडल स्तर तक पांच से 15 स्वयंसेवकों के समूह तैयार करेंगे ताकि वे समाज के लोगों को राष्ट्र और संस्कृति से रूबरू करा सकें।
हिंदू राष्ट्र के जागरण का काम संघ कर रहा है
उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र के जागरण का काम संघ कर रहा है और इसकी घोषणा की जरूरत नहीं है। लव जिहाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इसके दो पहलू हैं- लोगों को जागरूक करना और कानूनी लड़ाई लड़ना। उन्होंने कहा कि आरएसएस उन महिलाओं के पुनर्वास पर भी काम कर रहा है, जिन्होंने इस तरह के संबंधों से खुद को मुक्त कर लिया है लेकिन उनके परिवारों ने उन्हें स्वीकार नहीं किया है।
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