'कोविड-19 के पीड़ित अधिक काम करने से बचें', हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के बीच मनसुख मंडाविया ने किया खास आग्रह
देश में बढ़ते दिल के दौरे के मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि जो लोग कोविड -19 संक्रमण से पीड़ित हैं उन्हें दिल के दौरे से बचने के लिए कुछ समय के लिए कड़ी मेहनत या कठिन व्यायाम नहीं करना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक शोध का हवाला दिया है।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Mon, 30 Oct 2023 10:08 AM (IST)
एएनआई, भावनगर। देश में लगातार हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि जो लोग गंभीर कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित हुए हैं, वह कुछ समय के लिए कड़ी मेहनत या कठिन व्यायाम नहीं करने से बचें।
कोविड पीड़ितों से खास आग्रह
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक शोध का हवाला दिया है। मनसुख मंडाविया ने कहा, "ICMR ने एक विस्तृत अध्ययन किया है और पाया है कि जो लोग गंभीर कोविड -19 संक्रमण से पीड़ित हैं, उन्हें कुछ समय के लिए कड़ी मेहनत नहीं करनी चाहिए। उन्हें एक या दो साल के लिए व्यायाम और जिम से ब्रेक लेना चाहिए।"
गुजरात में लगातार बढ़ रहे मामले
गुजरात में दिल के दौरे से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। राज्य भर में युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोग हार्ट अटैक से मर रहे हैं। खासकर सौराष्ट्र में हार्ट अटैक के मामले चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं, यहां युवा दिल के दौरे के मुख्य शिकार बन रहे हैं। हाल ही में, 22 अक्टूबर को कपडवंज खेड़ा जिले में गरबा खेलते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से एक 17 साल के लड़के की मृत्यु हो गई।यह भी पढ़ें: विदेश मंत्री S. Jaishankar पुर्तगाल और इटली की यात्रा पर कल होंगे रवाना, अहम मुद्दों पर होगी बातचीत
काफी कोशिशों के बाद भी नहीं बचा सके
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ घटना का विवरण साझा करते हुए, डॉ. आयुष पटेल ने कहा, "वीर शाह नाम का 17 साल का लड़का, कपडवंज के गरबा मैदान में गरबा खेल रहा था, अचानक उसे चक्कर आने लगा और वह बेहोश हो गया। स्वयंसेवक की एक टीम घटनास्थल पर मौजूद थी, जिन्होंने तुरंत उसकी मदद की और कार्डियो-श्वसन पुनर्जीवन (Cardio-Respiratory Resuscitation) किया।"उन्होंने बताया"हमने उसके महत्वपूर्ण अंगों की जांच की, लेकिन उनके पल्स नहीं मिले। थोड़ी देर बाद युवक ने प्रतिक्रिया देना बंद कर दिया और उसकी सांसें थमने लगी। उसे कार्डियोपल्मोनरी पुनर्जीवन (CPR) भी दिया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद हमने उसे एंबुलेंस से अस्पताल भेजा, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।"यह भी पढ़ें: 'अगर दूसरों का दर्द नहीं समझेंगे तो...', विदेश मंत्री जयशंकर बोले- आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित है भारत
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