गुजरात में कोरोना संक्रमण को लेकर हुई HC में सुनवाई, चीफ जस्टिस ने बतायी कमियां, दिए सुझाव
कोरोना की स्थिति पर स्वत संज्ञान लेते हुए गुजरात हाइकोर्ट ने एक जनहित याचिका दायर करने का निर्देश दिया था जिस पर आज सुनवाई हो रही हैै। कोर्ट का कहना है कि राज्य एक प्रकार के स्वास्थ्य आपातकाल की ओर बढ़ रहा है।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Mon, 12 Apr 2021 01:42 PM (IST)
अहमदाबाद, प्रेट्र। राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम सरकार की नीति से संतुष्ट नहीं हैं। इसे ठीक करने की जरूरत है ताकि लोग कुछ कर सकें। कोर्ट का यह भी कहना है कि सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है, इसकी जांच के लिए वह गुरुवार 15 अप्रैल को बैठक करेगी। गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य में सुनवाई से पहले, महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने कहा, "मीडिया अच्छा काम कर रहा है, लेकिन हम उन पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर सकते हैं।
कोरोना महामारी को लेकर हाइकोर्ट का कहना है कि आम आदमी को कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट मिलने में 4-5 दिन का समय लगता है जबकि अधिकारी RT-PCR टेस्ट के जरिये मात्र कुछ घंटों में ही रिपोर्ट प्राप्त कर लेते हैं। महामारी के प्रकोप को देखते हुए नमूना संग्रह और परीक्षण और तेज गति से होना चाहिए। महामारी इतनी तेजी से फैल रही और अभी तक नमूना संग्रह और परीक्षण आरटी-पीसीआर परीक्षण केंद्र तक मौजूद नहीं हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने ये भी कहा कि कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए प्रयोग होने वाले रेमेडिसविर (Remdesivir) इंजेक्शन इतनी अधिक कीमत पर क्यों बेचे जा रहे हैं। जब आप (Advocate General) कहते हैं कि मरीजों के लिए पर्याप्त बेड और ऑक्सीजन मौजूद हैं तो लोग लाइनों में क्यों लगे हुए हैं।
वहीं हाईकोर्ट के महाधिवक्ता (Advocate General) कमल त्रिवेदी का कहना है कि सब कुछ नियंत्रण में है, सरकार अपना काम कर रही है, अब लोगों को और सतर्क रहना होगा, लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है, इसका असर दैनिक ग्रामीणों पर पड़ेगा।
बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट ने रविवार को राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका दायर करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि महामारी पर मीडिया रिपोर्टे बताती हैं कि राज्य एक प्रकार के स्वास्थ्य आपातकाल की ओर बढ़ रहा है।
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ ने मौखिक आदेश के जरिये उक्त निर्देश दिया। कोरोना वायरस के हालात पर राज्य हाई कोर्ट द्वारा इस तरह की यह दूसरी जनहित याचिका है। पहली याचिका पिछले सालदायर की गई थी और उस पर अभी भी निश्चित अंतराल पर सुनवाई चल रही है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि नई जनहित याचिका में गुजरात सरकार और उसके स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया जाए।
जनहित याचिका पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश और जस्टिस भार्गव डी. करिया की खंडपीठ आनलाइन मोड में सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश ने मीडिया रिपोर्टो के हवाले से कहा कि राज्य में न सिर्फ टेस्टिंग सुविधाओं, बेड्स और आइसीयू की कमी है बल्कि आक्सीजन आपूर्ति और रेमडेसिविर जैसी बुनियादी दवाओं की भी कमी है।बीते 24 घंटे में दर्ज हुए 5469 नए मामलेगुजरात में रविवार को कोरोना संक्रमण के 5469 नए मरीजों की पुष्टि हुई और 54 संक्रमितों की मौत दर्ज की गई। 27,568 मरीज सक्रिय बताये गए हैं। बता दें कि राज्य में अब तक कुल 91,23,719 लोगों का टीकाकरण हो चुका है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए राज्य के सभी सरकारी और निजी कॉलेजों में 30 अप्रैल तक के लिए ऑफलाइन कक्षाएं बंद कर दी गई हैं। शनिवार को राज्य में कोरोना संक्रमण के 5 हजार से अधिक मामले पाए गए थे।
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