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'बेटी के न्याय के लिए छोड़ दी थी नौकरी', सृष्टि रैयानी हत्याकांड केस पर पिता ने बयां की अपनी दास्तां

Srishti Raiyani Murder Case सृष्टि रैयानी के परिवार वालों को इंसाफ तो मिल गया है लेकिन बेटी की हत्या के बाद के दो साल उनके लिए काफी मुश्किल भरे रहे।16 मार्च 2021 को जेतपुर के जेतलसर में सृष्टि रैयानी की 34 बार चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 14 Mar 2023 12:25 PM (IST)
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'बेटी के न्याय के लिए छोड़ दी थी नौकरी', सृष्टि रैयानी हत्याकांड केस पर पिता ने बयां की अपनी दास्तां
राजकोट, जागरण डेस्क। Srishti Raiyani Murder Case: सृष्टि रैयानी के परिवार वालों को इंसाफ तो मिल गया है लेकिन बेटी की हत्या के बाद के दो साल उनके लिए काफी मुश्किल भरे रहे।

16 मार्च, 2021 को जेतपुर के जेतलसर में सृष्टि रैयानी की 34 बार चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। सृष्टि के अलावा उसके भाई हर्ष पर भी हमला किया गया था। इस मामले में जेतपुर सत्र न्यायालय ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।

दो साल रहे मुश्किल भरे

बेटी की हत्या को दो साल पूरे हो गए है लेकिन परिवार वालों का जख्म अब तक भरा नहीं है। सृष्टि के पिता किशोरभाई रैयानी ने बताया कि उनके लिए ये दो साल काफी मुश्किलों से गुजरे। गुजराती जागरण के साथ बातचीत के दौरान किशोरभाई रैयानी ने बताया कि ये एक ऐसा समय था जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। बेटी को न्याय दिलाने के लिए नौकरी छोड़ी, आलम यह रहा कि परिवार वालों को खाने-खाने को मोहताज होना पड़ा।

क्या है पूरा मामला?

घटना दो साल यानी की 16 मार्च, 2021 की है। इस दिन सृष्टि के पिता किशोरभाई रैयानी और उनकी पत्नी किसी सिलसिले से शहर के बाहर गए हुए थे। घर पर दो ही सदस्य थे- सृष्टि और उसका भाई हर्ष। सृष्टि से एकतरफा प्यार करने वाला आरोपी जयेश सरवैया के दिमाग में इस दिन खून सवार हो गया था। जब घर में सृष्टि और उसका भाई हर्ष गहरी नींद मे सो रहे थे, तभी रात के करीब 2.30 से 2.45 बजे जयेश सरवैया घर में घुसा और सृष्टि पर चाकुओं से 34 बार हमला कर दिया।

इससे पहले हर्ष कुछ समझ पाता, आवेश में आए जयेश ने सृष्टि के भाई पर भी लगातार 5 बार हमला किया। जब इस घटना की खबर माता-पिता को लगी तो वह तुरंत घर पहुंचे। घर का मंजर देख वह काफी हैरान हो गए थे क्योंकि सामने उनकी बेटी की खून से लथपथ लाश पड़ी हुई थी, वहीं उनका बेटा गंभीर रूप से घायल था।

वकील बनना चाहती थी बेटी

गुजराती जागरण से बताचीत के दौरान किशोरभाई ने बताया कि उनकी बेटी का वकील बनने का सपना अधूरा रह गया। उन्होंने कहा, 'सृष्टि हमेशा से वकील बनना चाहती थी, वो मुझसे कहती थी कि डैडी...मैं वकील बनना चाहती हूं।' अपनी बेटी को याद करते हुए पिता ने आगे कहा, 'मेरा मन जानता है कि मैंने अपने दो साल कैसे काटे हैं, मैं पीड़ा में था। अपनी उस स्थिति को शब्दों में बयां करना बहुत मुश्किल है। आज भी जब मैं उस मंजर को याद करता हूं तो आंसू निकल आते हैं।'

मानसिक रूप से थक चुका था

किशोरभाई ने बताया कि आरोपी को सजा मिले, इसके लिए मुझे हर समय कोर्ट जाना पड़ता था। मैं मानसिक रूप से थक चुका था। मैं डिप्रेशन में था लेकिन फिर भी मैं सच पर अड़ा रहा। आज नहीं तो कल सच की जीत होगी। लगातार कोर्ट के चक्कर लगने के कारण किशाोरभाई को अपनी नौकरी तक गंवानी पड़ी। दो साल कोई काम न होने के कारण परिवार में आर्थिक तंगी आ गई थी। एक ऐसा समय भी था जब हाथ में एक कोड़ी नहीं थी।

लोगों का मिला पूरा सहयोग

जब ये घटना हुई तो किशोरभाई को एक शख्स का पूरा सहयोग मिला। घटना के वक्त से लेकर आज के फैसले तक बल्कि अब तक दिलीपभाई भुवा ने हमारी मदद की। किशोरभाई ने कहा, 'मैं उनका शुक्रगुजर हूं, मैं उनके कर्ज से कभी मुक्त नहीं हो पाऊंगा। क्योंकि उन्होंने मुझे बहुत सपोर्ट किया है। कई अन्य लोगों ने भी मेरा समर्थन किया।'

मिसाल बनेंगे ऐसे फैसले

जेतपुर कोर्ट का ये फैसला समाज के लिए मिसाल कायम करेगा। किशोरभाई ने कहा कि कोर्ट ने यह फैसला मेरी एक बेटी के लिए नहीं बल्कि पूरे गुजरात की बेटी के लिए दिया है। उस समय पूरा गुजरात सृष्टि को अपनी बेटी मानता था और मेरा साथ देता था। आपको बता दें कि राजकोट शहर जिले में अब तक चार अपराधियों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।

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