मुस्लिम युवकों ने वैदिक रीति से हिंदू अंकल का किया अंतिम संस्कार, सिर भी मुंडवाया
मानवता सर्वोपरि है इसकी जीती जागती मिसाल अमरेली के सावरकुंडला में देखने को मिली यहां तीन मुस्लिम युवकों ने एक हिंदू व्यक्ति का वैदिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया ।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Mon, 16 Sep 2019 02:38 PM (IST)
अहमदाबाद, जेएनएन। मानवता सभी धर्मों से ऊपर है, मानवता के नाते किया गया काम समाज पर श्रेष्ठ परोपकार होता है। गुजरात के तीन मुस्लिम युवकों ने एक हिंदू व्यक्ति का पूरे वैदिक रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर इसको चरितार्थ कर दिखाया।
अमरेली जिले के सावरकुंडला में करीब चार दशक पहले मिले दो श्रमिक मित्र भिखू कुरैशी व भानूशंकर पंड्या लंबे समय तक साथ रहे, तीन साल पहले भिखू भाई चल बसे तो भानूशंकर टूट से गए ओर उदास रहने लगे। भानू भाई होली व दीपावली मनाते तो अबु, नसीर व जुबेर ईद व रमजान मनाते व रोजे रखते। तीनों भाई दिन में पांच बार नमाज पढते हैं व नियमित रोजा रखते हैं। भानूशंकर ईद पर उनके लिए उपहार व मिठाई लाते तो दीपावली पर ये तीनों भाई भानूशंकर के लिए मिठाई लाते। गत शनिवार को भानुभाई चल बसे तो उनकी अंतिम इच्छानुसार अबु, नसीर व जुबेर ने हिंदू रीति रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया, जनेऊ धारण की, सिर मुंडवाया व अर्थी को कंधा भी दिया।
भानुशंकर जब अंतिम सांसें गिन रहे थे तो अबु व नसीर उनके लिए पड़ोस से गंगा जल लेकर आए और उनको आचमन कराया। जुबेर कुरैशी बताते हैं कि कुछ साल पहले भानू भाई का पैर टूट गया था, उनका कोई परिवार नहीं था इसलिए पिताजी उन्हें अपने घर ले आए थे। जुबैर बताते हैं वे तीनों भाई उन्हें अंकल कहकर पुकारते थे और उनके बच्चे उन्हें दादा कहते थे। तीनों भाईयों की पत्नियां रोज भानूभाई के पैर छूकर आशीर्वाद लेती थी। जुबेर बताते हैं कि उनके घर में भानूभाई के लिए अलग से शाकाहारी खाना पकता था। अमरेली जिला ब्राह़मण समाज के उपाध्यक्ष पराग त्रिवेदी बताते हैं कि कुरैशी परिवार ने प्रेम व दया की भावना को साकार किया है जिसे भुलाया नहीं जा सकता, सांप्रदायिक सौहार्द का यह एक जीवंत उदाहरण है। मुख्यमंत्री रूपाणी ने दी चेतावनी कहा, पीओके को खोने के लिए तैयार हो जाए पाक
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