गुजरात में 'क्रिकेट बनी काल', राजकोट और सूरत में हार्ट अटैक से दो खिलाड़ियों की मौत; 20 दिनों में चौथा मामला
गुजरात के राजकोट और सूरत में हार्ट अटैक से दो क्रिकेटरों की मौत हो गई। सूरत में क्रिकेट खेलने के बाद प्रशांत भरोलिया के सीने में दर्द और घबराहट होने लगी। वहीं राजकोट में क्रिकेट खेलते समय जिग्नेश चौहान अचानक गिर गया। इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 19 Feb 2023 09:23 PM (IST)
अहमदाबाद, ऑनलाइन डेस्क। गुजरात के राजकोट और सूरत में हार्ट अटैक से दो क्रिकेटरों की मौत हो गई। सूरत में शनिवार को क्रिकेट खेलने के बाद 27 साल के प्रशांत कांतिभाई भरोलिया के सीने में दर्द और घबराहट होने लगी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। वहीं, राजकोट में भी इसी तरह का मामले सामने आया है। राजकोट के रेस कोर्स स्थित माधवराव सिंघिया मैदान में क्रिकेट खेलते समय जिग्नेश चौहान नाम का युवक अचानक गिर गया। युवक को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
राजकोट में 20 दिन में चौथी मौत
राजकोट शहर में क्रिकेट खेलने से अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ दिन पहले क्रिकेट खेलने के कारण दो लोगों की मौत हो गई थी। दो दिन पहले भी क्रिकेट खेलते समय एक युवक की मौत हो गई थी। रविवार को भी एक और युवक की क्रिकेट खेलते समय मौत हो गई। मालूम हो कि राजकोट में पिछले 20 दिनों में क्रिकेट खेलते समय चार लोगों की मौत हो चुकी है।
डॉक्टरों ने जरूरी सैंपल को जांच के लिए भेजा
प्रशांत कांतिभाई भरोलिया की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टरों ने इस मामले में जरूरी सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। मृतक युवक कनाडा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। वह फिलहाल सूरत में आया था और शनिवार को क्रिकेट खेलने गया था। वहीं, जिग्नेश चौहान की मौत के बारे में डॉक्टरों ने कहा कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।परिवार में मातम का माहौल
जिग्नेश चौहान पिछले कुछ समय से मीडिया से जुड़े हुए हैं। पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने परिवार की जिम्मेदारी संभाली। आज घर में जिग्नेश की मौत से परिवार में मातम का माहौल है। वहीं, भावनगर के गरियाधर निवासी 27 साल के प्रशांत कांतिभाई भरोलिया वर्तमान में वराछा जॉली एन्क्लेव में रह रहे थे और कनाडा में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। वह एक साल बाद परिवार के पास आए हुए थे और फिर से कनाडा जाने वाले थे।
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