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यूपी के IAS अफसर को इंस्टाग्राम पर पब्लिसिटी स्टंट करना पड़ा महंगा, गुजरात में चुनाव ड्यूटी से हटाए गए

सूत्रों ने कहा कि चुनाव पैनल ने अधिकारी द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई तस्वीरों को भी सीईओ के साथ साझा किया। सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया और अभिषेक सिंह को पर्यवेक्षक के रूप में उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया।

By AgencyEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Fri, 18 Nov 2022 06:21 PM (IST)
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उत्तर प्रदेश के एक आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह
 नई दिल्ली, एजेंसी। उत्तर प्रदेश के एक आईएएस अधिकारी को चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव के सामान्य पर्यवेक्षक के पद से हटा दिया है। शुक्रवार को गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को कड़े शब्दों में लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने कहा कि 2011 बैच के अधिकारी अभिषेक सिंह ने एक सामान्य पर्यवेक्षक के रूप में अपनी पोस्टिंग साझा करने के लिए इंस्टाग्राम का इस्तेमाल किया और अपनी आधिकारिक स्थिति को 'पब्लिसिटी स्टंट' के रूप में इस्तेमाल किया।

चुनाव आयोग ने मामले को लिया गंभीरता से

सूत्रों ने कहा कि चुनाव पैनल ने अधिकारी द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई तस्वीरों को भी सीईओ के साथ साझा किया। सूत्रों ने चुनाव आयोग के संचार का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया और अभिषेक सिंह को पर्यवेक्षक के रूप में उनके कर्तव्यों से तुरंत मुक्त कर दिया। संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय भट्ट ने कहा क‍ि गुजरात के चुनाव पर्यवेक्षक अभिषेक सिंह को हटा दिया गया है और कृष्ण बाजपेयी को उनकी जगह दी गई है। अभिषेक सिंह को बापूनगर से असरवा सहित अहमदाबाद में 2 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सामान्य पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था।

अगले आदेश तक किसी भी चुनाव संबंधी ड्यूटी से रहेंगे मुक्‍त

अभिषेक सिंह अपने ट्विटर हैंडल पर खुद को एक लोक सेवक, अभिनेता और एक सामाजिक उद्यमी बताते हैं। उन्होंने गुरुवार को भी अपने ट्विटर हैंडल पर तस्वीरों का यही सेट पोस्ट किया था। उन्हें अगले आदेश तक किसी भी चुनाव संबंधी ड्यूटी से भी वंचित कर दिया गया है। अधिकारी को यह भी निर्देश दिया गया था कि वह तुरंत उस निर्वाचन क्षेत्र को छोड़ दें, जिसकी जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी और मूल संवर्ग में अपने नोडल अधिकारी को रिपोर्ट करें।

सभी सुविधाएं वापस ली गईं 

सूत्रों के मुताबिक, पत्र में कहा गया है कि पर्यवेक्षक के कर्तव्यों के निर्वहन के लिए उन्हें प्रदान की गई सभी सरकारी सुविधाएं वापस ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक अन्य आईएएस अधिकारी को अहमदाबाद जिले की बापूनगर और असरवा विधानसभा सीटों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जिसे अभिषेक सिंह संभाल रहे थे। 

कार्रवाई के बाद लिखा

चुनाव आयोग की कार्रवाई के बाद फिर अभिषेक सिंह ने पोस्‍ट करते हुए लिखा क‍ि मैं चुनाव आयोग के फैसले को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार करता हूं। हालांकि मेरा मानना है कि इस पोस्ट में कुछ भी गलत नहीं है। जनता के पैसे से खरीदी गई कार में सार्वजनिक तौर पर अधिकारियों के साथ एक लोक सेवक का सार्वजनिक कर्तव्य के लिए रिपोर्ट करना इसे जनता तक अपनी बात को पहुंचाना है। यह न तो पब्लिसिटी है और न ही कोई स्टंट।

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