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वाइब्रेंट गुजरात को मिल रहा जबरदस्त रिस्पांस, दुनियाभर के निवेशक दिखा रहे रुचि; अब तक 47 MoU पर लगी मुहर

गुजरात में अगले साल वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 का आयोजन किया जा रहा है। इस इवेंट की थीम गेटवे टू द फ्यूचर रखी गई है। इस इवेंट को भविष्य की जरूरतों चुनौतियों और संभावनाओं को लेकर डिजाइन किया गया है। नवंबर में राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि 25945 करोड़ रुपये के निवेश वाले 47 एमओयू अब तक मुहर लग चुकी है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 08 Dec 2023 05:11 PM (IST)
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गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल (फोटो: @Bhupendrapbjp)
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात में अगले साल वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 का आयोजन किया जा रहा है। इस इवेंट की थीम 'गेटवे टू द फ्यूचर' रखी गई है। इस इवेंट को भविष्य की जरूरतों, चुनौतियों और संभावनाओं को लेकर डिजाइन किया गया है। इस इवेंट को सफल बनाने के लिए गुजरात के मंत्री और अफसर दुनियाभर की इंडस्ट्रीज के लीडरों से मीटिंग कर रहे हैं। उनका लक्ष्य गुजरात में अधिक से अधिक निवेश को लाने का है, ताकि राज्य भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण रोल अदा कर सके।

अब तक कितने MoU पर लगी मुहर?

नवंबर में राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि 25,945 करोड़ रुपये के निवेश वाले 47 एमओयू अब तक मुहर लग चुकी है। राज्य में निवेश बढ़ाने को लेकर हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने जापान और सिंगापुर का दौरा किया था। इसके अलावा उद्योग मंत्री बलवंत सिंह राजपूत ने मलेशिया की यात्रा की थी।

छह महीने से राज्य सरकार विभिन्न उद्योगों के साथ एमओयू साइन कर रही है। गुजरात में फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और आभूषण, कपड़ा, समुद्री बुनियादी ढांचा, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, चीनी मिट्टी की चीजें और ऑटोमोबाइल विनिर्माण के सेक्टर काफी अच्छा काम कर रहे हैं। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के तहत राज्य का फोकस भविष्य की संभावनाओं पर है। इसी कारण से इस बार के इवेंट की थीम 'गेटवे टू द फ्यूचर' रखी गई है। इस बार गुजरात का फोकस सेमीकंडक्टर निर्माताओं और प्रौद्योगिकियों सेक्टर के लीडरों को आकर्षित करना है।

गुजरात ने माइक्रोन टेक्नोलॉजीज सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग फैसिलिटी हासिल करके पहले ही बढ़त ले ली है, जिसके लिए साणंद में जमीन भी दे दी गई है।

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गुजरात के सीएम ने सिंगापुर में माइक्रोन के असेंबलिंग और टेस्टिंग प्लांट का दौरा किया, जबकि राजपूत ने पेनांग में कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का दौरा किया। गुजरात में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं (ITES) कंपनियों को आकर्षित करने से चूकने के बाद राज्य ऐसे उद्योगों को शामिल करने का इच्छुक है जो आने वाले सालों में महत्वपूर्ण होंगे। फोकस में अन्य क्षेत्र ग्रीन हाइड्रोजन, ई-मोबिलिटी, रिनीवेबल एनर्जी और फिनटेक हैं।

सरकारी बयान में कहा गया है कि इन प्रतिनिधिमंडल के दौरे और रोड शो के परिणामस्वरूप जापान और दक्षिण कोरिया के साथ-साथ नई दिल्ली और बेंगलुरु में भारत स्थित कंपनियों ने गुजरात में निवेश के अवसर तलाशने में रुचि दिखाई है। ये कंपनियां सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट, असेंबली टेस्टिंग, पैकेजिंग और महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स के निर्माण के लिए इंजीनियरिंग/प्रौद्योगिकी केंद्र विकसित करने के लिए जगह खोज रही हैं।

दो लाख से अधिक नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य

गुजरात का लक्ष्य अगले पांच सालों में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में दो लाख से अधिक नौकरियां पैदा करना है।

पिछले तीन महीनों में सरकार ने देश में आठ और देश के बाहर छह रोड शो आयोजित किए हैं। इस दौरान मंत्रियों और अधिकारियों ने विभिन्न क्षेत्रों की एक हजार से भी अधिक कंपनियों के साथ बातचीत की है। कुछ दिन पहले चर्चा थी कि टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना है, जिससे इस कार्यक्रम में और उत्साह और बढ़ गया।

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अब तक 16 देशों और 14 संगठनों ने भाग लेने की पुष्टि की है। जापान, फिनलैंड, मोरक्को, कोरिया गणराज्य, मोज़ाम्बिक, एस्टोनिया, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, नीदरलैंड, नॉर्वे, नेपाल, थाईलैंड, बांग्लादेश, जर्मनी और मिस्र भागीदार देशों की सूची में शामिल हैं।

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