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Gujarat Election: अहमदाबाद की 16 सीट पर 13 से 20 फीसदी तक घटा मतदान, कांग्रेस को हो सकता है भारी नुकसान

गुजरात विधानसभा चुनाव में अहमदाबाद की 16 सीट पर सबकी नजर थी। दूसरे चरण के मतदान के दौरान यहां की लगभग सभी सीटों पर 13 से 20 फीसदी तक मतदान कम हुआ। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सीट घाटलोड‍िया पर जहां 2017 की तुलना में मतदान 13 फीसदी घटा।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 06 Dec 2022 05:18 PM (IST)
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अहमदाबाद की 16 सीट पर 13 से 20 फीसदी तक घटा मतदान।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव में अहमदाबाद की 16 सीट पर सबकी नजर थी। दूसरे चरण के मतदान के दौरान यहां की लगभग सभी सीटों पर 13 से 20 फीसदी तक मतदान कम हुआ। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सीट घाटलोड‍िया पर जहां 2017 की तुलना में मतदान 13 फीसदी घटा। वहीं, कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीट दरियापुर में 18 फीसदी एवं असारवा में 20 प्रतिशत तक मतदान कम हुआ।

2017 में अहमदाबाद में 4 सीट पर कांग्रेस की हुई थी जीत

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अहमदाबाद की 4 विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। जबकि भाजपा 12 विधानसभा सीट पर विजय रही थी। मतदान में कमी के कारण कांग्रेस को इन 4 में से 3 सीट गंवानी पड़ सकती है। दरियापुर विधानसभा सीट से ग्‍यासुद्दीन चौथी बार मैदान में हैं। मुस्लिम बहुल सीट पर शेख की अच्छी पकड़ है, लेकिन इस सीट पर 18 फीसदी तक मतदान कम हुआ।

इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी इस सीट पर एक मुस्लिम प्रत्याशी उतारा है, जिसके कारण उनके मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लग सकती है। साथ ही आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने हसन पठान को मैदान में उतारा है। दरियापुर सीट पर कुल 9 मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में हैं। जबकि भाजपा ने कौशिक जैन को प्रत्याशी बनाया है। स्वतंत्र अभिव्यक्ति पार्टी की ओर से शोभना। जबकि एक निर्दलीय उम्मीदवार दीपेश सोलंकी चुनाव लड़ रहे हैं।

दाणीलीमडा सीट पर 18 प्रतिशत कम मतदान

कांग्रेस की दूसरी सबसे सुरक्षित सीट दाणीलीमडा है, जहां पर मतदान 18 फीसदी तक कम हुआ है। दलित एवं मुस्लिम मतदाता बहुल इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शैलेष परमार मैदान में हैं। जबकि भाजपा ने नरेश व्यास को मैदान में उतारा है। इस सीट पर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा की पार्टी के प्रत्याशी सहित 11 दलित उम्मीदवार मैदान में हैं। अगर दलित वोट बैंक में बंटवारा होता है, तो शैलेष परमार के वोट बैंक में सीधी सेंध लग सकती है।

बापू नगर सीट पर करीब 10 फीसद मतदान कम

बापू नगर सीट से कांग्रेस के हिम्मत सिंह पटेल पिछले चुनाव में महज 3000 के अंतर से चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार यहां करीब 10 फीसदी मतदान कम होने एवं भाजपा की ओर से दिनेश सिंह कुशवाह जैसे मजबूत हिंदी भाषी नेता को मैदान में लाने से कांग्रेस के समक्ष कड़ी चुनौती होगी। जमालपुर खड़िया सीट पर भाजपा ने विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत अशोक भट्ट के पुत्र भूषण भट्ट को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने वर्तमान विधायक इमरान खेड़ावाला को फिर से आजमाया है। आम आदमी पार्टी ने यहां हारून नागोरी को टिकट दिया है। जबकि ओवैसी की पार्टी से इस सीट पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष साबिर खेड़ा वाला किस्मत आजमा रहे हैं।

अहमदाबाद की 16 सीटों पर मतदान कम, पार्टियां चिंतित

अहमदाबाद की 16 विधानसभा सीट पर इस बार मतदान घटने के कारण कांग्रेस के साथ भाजपा की भी चिंता बढ़ गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सीट पर सीधे 13 प्रतिशत मतदान कम हुआ। जबकि वेजलपुर में करीब 17 फीसदी, वटवा में 15 प्रतिशत, एलिस ब्रिज में 10 प्रतिशत, नारणपुरा में 10 प्रतिशत, निकोल में 13 फीसदी, नरोड़ा में 17 फीसदी, ठक्करबापानगर में 17 फीसदी, बापू नगर सीट पर 10 प्रतिशत तक मतदान कम हुआ। इसी तरह अमराईवाड़ी में 14 प्रतिशत, दरियापुर में 18 प्रतिशत, जमालपुर में 12 प्रतिशत, मणिनगर में 12 प्रतिशत, दाणीलीमड़ा में 12 प्रतिशत, साबरमती में 17 प्रतिशत तथा असारवा सीट पर मतदान 20 फीसदी मतदान कम हुआ।

2017 की तुलना में मतदान 7 फीसदी घटा

बता दें कि गुजरात विधानसभा में इस बार दोनों चरण का औसत मतदान 61.27 प्रतिशत रहा। अहमदाबाद जिले में 58.32 फीसदी , साबरकांठा में 70.95 फीसदी, बनासकांठा में 71.40 फीसदी, पंचमहाल में 67.86 फीसदी, खेड़ा में 67.96 फीसदी, अरवली में 67.55 फीसदी मतदान हुआ। इस बार विधानसभा चुनाव 2017 की तुलना में 7 प्रतिशत मतदान कम हुआ। 2017 में 68.39 फीसदी मतदान हुआ था। सौराष्ट्र-कच्छ एवं दक्षिण गुजरात की 89 सीट पर 1 दिसंबर को प्रथम चरण के चुनाव में मतदान 63.31 फीसदी हुआ था। जबकि दूसरे चरण में उत्तर एवं मध्य गुजरात की 93 सीट के लिए 5 दिसंबर को हुए मतदान का प्रतिशत 64.39 रहा।

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