अधिकारी 300 करोड़ के मालिक... NOC के लिए देनी पड़ी थी 70 हजार की रिश्वत, BJP सांसद का राजकोट हादसे में बड़ा दावा
Rajkot Game Zone गुजरात भाजपा के राज्यसभा सदस्य रामभाई मोकरिया (Rambhai Mokariya) ने राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड (Rajkot Game Zone Fire) की जांच के बीच यह कहकर सबको चौंका दिया कि राजकोट महानगर पालिका (Rajkot Municipal Corporation) के भ्रष्ट अधिकारी दो सौ से तीन सौ करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं फायर अधिकारी भी हजारों की रिश्वल लेकर एनओसी देते हैं।
जागरण संवाददाता, अहमदाबाद। गुजरात भाजपा के राज्यसभा सदस्य रामभाई मोकरिया (Rambhai Mokariya) ने राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड (Rajkot Game Zone Fire) की जांच के बीच यह कहकर सबको चौंका दिया कि राजकोट महानगर पालिका (Rajkot Municipal Corporation) के भ्रष्ट अधिकारी दो सौ से तीन सौ करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं, फायर अधिकारी भी हजारों की रिश्वल लेकर एनओसी देते हैं।
राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन अग्निकांड में 12 बच्चों समेत 28 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद जहां उच्चस्तरीय जांच चल रही है वहीं भाजपा के ही राज्यसभा सदस्य रामभाई मोकरिया ने राजकोट महानगर पालिका, राजकोट फायर विभाग (Rajkot Fire Station) के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार में डूबे होने तथा रिश्वत लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र एनओसी देने का आरोप लगाया।
अधिकारी दस-दस साल से महानगर पालिका में जमे हैं
सांसद ने बताया कि करीब 5 साल पहले उनके करीबी को फायर विभाग से एनओसी की जरुरत थी, राजकोट फायर अधिकारी भीखाभाई ठेबा को 70 हजार रुपये देने के बाद ही वह मिल सकी। मोकरिया ने कहा कि राजकोट महानगर पालिका के अधिकारी दस-दस साल से जमे हैं और भ्रष्टाचार के जरिए 2 सौ से तीन सौ करोड़ रुपये की संपत्तियों के मालिक बन बैठे हैं। मोकरिया ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार व पुलिस को भी इस संबंध में शिकायत की है और अपने स्तर पर हर समय जनसमस्याओं को उठाते रहे हैं।भ्रष्ट अधिकारियों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए
सांसद मोकरिया का दावा है कि राजकोट के बिल्डर एसोसिएशन को आए दिन इनके भ्रष्टाचार को सहना पड़ता है। सरकारी अधिकारी बेरोकटोक जमकर भ्रष्टाचार में डूबे हैं, उनके सांसद होने के बावजूद उनके करीबी को रिश्वत देने के बाद ही एनओसी मिल सकी तो आम आदमी के साथ ये अधिकारी किसी तरह पेश आते होंगे। रामभाई का कहना है कि गेमिंग जोन हादसे के बाद से वे पीड़ितों की मदद के लिए सक्रिय हैं, म्रतकों के परिजनों को अधिक मुआवजा मिलना चाहिए साथ ही भ्रष्ट अधिकारियों पर भी अंकुश लगाया जाना चाहिए।
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