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Rajkot Fire Tragedy: IPS, IAS अधिकारियों को आरोपी बनाने की याचिका पर SIT को नोटिस, हादसे में गई 27 लोगों की जान

Rajkot game zone fire राजकोट में स्थित टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग के कारण 27 लोगों ने अपनी जान गवां दी। वहीं अब इस मामले में राजकोट की एक अदालत ने एसआईटी से उस याचिका पर रिपोर्ट मांगी है जिसमें इस त्रासदी के बाद स्थानांतरित किए गए आईपीएस और आईएएस अधिकारियों तथा निलंबित किए गए अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Thu, 30 May 2024 09:24 AM (IST)
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Rajkot game zone fire: IPS, IAS अधिकारियों को आरोपी बनाने की याचिका पर SIT को नोटिस

पीटीआई, राजकोट। Rajkot game zone fire: गुजरात के राजकोट की एक अदालत ने टीआरपी गेम जोन अग्निकांड की जांच कर रही एसआईटी से उस याचिका पर रिपोर्ट मांगी है जिसमें इस त्रासदी के बाद स्थानांतरित किए गए आईपीएस और आईएएस अधिकारियों तथा निलंबित किए गए अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है।

'आपराधिक जांच याचिका' में तत्कालीन राजकोट पुलिस आयुक्त राजू भार्गव, नगर आयुक्त आनंद पटेल और दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने की मांग की गई थी, जिनका तबादला कर दिया गया था और 25 मई की घटना के बाद नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था, जिसमें 27 लोगों की जान चली गई थी।

याचिकाकर्ता विनेश छाया के वकील राजेश जालू ने बताया कि अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट बी पी ठाकर ने बुधवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) को नोटिस जारी कर सभी अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच की स्थिति रिपोर्ट 20 जून तक मांगी है।

याचिका में तर्क दिया गया कि जिन आधारों पर इन अधिकारियों को स्थानांतरित या निलंबित किया गया, वे प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पर्याप्त थे।

याचिकाकर्ता ने इन अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304 (गैर इरादतन हत्या), 337 (किसी व्यक्ति को जल्दबाजी या लापरवाही से कार्य करके चोट पहुंचाना, जिससे मानव जीवन या दूसरों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाए) और 338 (किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाना, जिससे उसका जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में पड़ जाए) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

याचिका में कहा गया है कि इस मौजूदा शिकायत को दायर करने का कारण यह भी है कि 27 लोगों की मौत हो गई है और अन्य लोग अपने कर्तव्यों में लापरवाही के कारण घायल हो गए हैं। याचिका में कहा गया है कि टीआरपी गेम जोन पिछले तीन-चार वर्षों से बिना किसी अनुमति या लाइसेंस के चल रहा था।

भार्गव के अलावा, राजकोट के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त सुधीर कुमार देसाई और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) विधि चौधरी के साथ-साथ तत्कालीन नगर आयुक्त आनंद पटेल को भी घटना के दो दिन बाद स्थानांतरित कर दिया गया था और पदस्थापन के लिए प्रतीक्षा में रखा गया था।

निलंबित किए गए नगर निगम अधिकारियों में मुख्य अग्निशमन अधिकारी इलेश खेर, उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी भीखाभाई थेबा, सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, सहायक नगर नियोजक गौतम जोशी, अग्निशमन केंद्र अधिकारी राहित विगोरा, सड़क एवं भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एम आर सुमा, तत्कालीन सहायक अभियंता पारस कोठिया तथा पुलिस निरीक्षक वी आर पटेल और एन आई राठौड़ शामिल हैं।

संबंधित घटनाक्रम में, अदालत ने अग्निकांड मामले में गिरफ्तार पांचवें आरोपी किरीटसिंह जडेजा को आठ दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया।

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