राजकोट के गेमिंग जोन अग्निकांड मामले में चार अधिकारी गिरफ्तार, SIT ने पूर्व अग्निशमन अधिकारी से की पूछताछ
गुजरात की राजकोट पुलिस ने टीआरपी गेमिंग जोन में पिछले सप्ताह लगी भीषण आग के मामले में एक नगर नियोजन अधिकारी (टीपीओ) सहित चार सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इस अग्निकांड में 36 लोगों की मौत हो गई थी। एक अधिकारी ने बताया कि टीपीओ एमडी सागथिया सहायक टीपीओ मुकेश मकवाना गौतम जोशी और कलावड रोड अग्निशमन केंद्र के पूर्व स्टेशन अधिकारी रोहित विगोरा को गिरफ्तार किया गया है।
पीटीआई, राजकोट। गुजरात की राजकोट पुलिस ने टीआरपी गेमिंग जोन में पिछले सप्ताह लगी भीषण आग के मामले में एक नगर नियोजन अधिकारी (टीपीओ) सहित चार सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
36 लोगों की हुई थी मौत
इस अग्निकांड में 36 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल थे।एक अधिकारी ने बताया कि टीपीओ एमडी सागथिया, सहायक टीपीओ मुकेश मकवाना, गौतम जोशी और कलावड रोड अग्निशमन केंद्र के पूर्व स्टेशन अधिकारी रोहित विगोरा को गिरफ्तार किया गया है।
चार अधिकारियों को किया गया है गिरफ्तार
राज्य के पुलिस महानिदेशक विकास सहाय ने चार सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है। सरकार ने जोशी और विगोरा को पहले ही निलंबित कर दिया था। इस मामले में अब तक लगभग नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अग्निकांड के बाद तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजू भार्गव समेत तीन आईपीएस अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया गया था।पूर्व अग्निशमन अधिकारी से हुई तीन घंटे तक पूछताछ
सूत्रों के अनुसार, इस अग्निकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी प्रमुख और वरिष्ठ आईपीएस अफसर सुभाष त्रिवेदी ने गांधीनगर स्थित राज्य पुलिस मुख्यालय में पूर्व अग्निशमन अधिकारी आइवी खेर से लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की। सोमवार को गुजरात हाई कोर्ट ने इस मामले में राजकोट नगर निगम को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि उसे ऐसी राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं है जो निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद ही कार्रवाई करती है।
चार साझेदार और एक प्रबंधक को भी किया गया गिरफ्तार
हाई कोर्ट ने नगर निगम से पूछा था कि क्या उसने अपने आसपास बनने वाली इतनी बड़ी संरचना पर आंखें मूंद ली थीं। इस अग्निकांड में टीआरपी गेमिंग जोन के चार साझेदारों और एक प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया है। जबकि एक मुख्य साझेदार घटना के समय गेमिंग जोन में ही मौजूद था। आग की चपेट में आने से उसकी मौत हो चुकी है। पहले पुलिस ने उसे भी आरोपित बनाया था, लेकिन डीएनए जांच में उसकी मौत की पुष्टि हो गई है।गेमिंग जोन में थीं कई खामियां
जलकर खाक हुए राजकोट स्थित गेमिंग जोन में एक साथ कई खामियां थीं। इस अग्निकांड की जांच कर रही एसआईटी ने ऐसी कई कमियों की पहचान की है। इस मामले में पुलिस, अग्निशमन विभाग, नगरपालिका की लापरवाही सामने आई है।एसआईटी ने कहा है कि गेमिंग जोन की पहली मंजिल तक केवल चार से पांच फीट चौड़ी सीढ़ी बनाई गई थी। यही नहीं, लाइसेंस जारी करने में पुलिस निरीक्षक एनआइ राठौड़ और वीआर पटेल द्वारा घोर लापरवाही बरती गई। सूत्रों के अनुसार, दोनों अधिकारी फायर की एनओसी का सत्यापन करने में विफल रहे। गेमिंग जोन की अस्थाई संरचना के लिए नगर निगम की मंजूरी नहीं ली गई थी।
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