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राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड के बाद नियुक्त मुख्य अग्निशमन अधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार

गुजरात में राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के प्रभारी मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) को सोमवार को कथित तौर पर 1.80 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रभारी सीएफओ अनिल मारू ने एक इमारत को अपने विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत मांगी थी।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 13 Aug 2024 10:22 PM (IST)
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गुजरात में अग्निशमन अधिकारी गिरफ्तार (फाइल फोटो)
पीटीआई, राजकोट। गुजरात में राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के प्रभारी मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) को सोमवार को कथित तौर पर 1.80 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रभारी सीएफओ अनिल मारू ने एक इमारत को अपने विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत मांगी थी।

एसीबी ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘अग्नि सुरक्षा फिटिंग कार्य के दौरान शिकायतकर्ता ने जब एक इमारत के लिए अग्नि संबंधी एनओसी जारी करने को लेकर अधिकारी से संपर्क किया, तो आरोपी ने तीन लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता ने उसे 1.20 लाख रुपये का भुगतान किया और कहा कि वह शेष राशि चार-पांच दिन में दे देगा।’’

1.80 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए मौके पर गिरफ्तार 

विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘शिकायतकर्ता द्वारा जामनगर में एसीबी से संपर्क करने के बाद, उसे पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया। आरोपी को लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 1.80 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।’’

मारू ने राजकोट नगर निगम के अग्निशमन विभाग का कार्यभार तब संभाला था, जब तत्कालीन सीएफओ इलेश खेर को 25 मई को टीआरपी गेम जोन में आग लगने की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया था और बाद में निलंबित कर दिया गया था। इस घटना में 27 लोगों की मौत हो गई थी।

अग्निशमन विभाग की हुई आलोचना

टीआरपी गेम जोन में आग की घटना के बाद, आरएमसी के अग्निशमन विभाग की कड़ी आलोचना हुई थी, क्योंकि पाया गया था कि गेम जोन को बिना एनओसी के संचालित किया जा रहा था। खेर और उप सीएफओ भीखा थेबा को आग की घटना की जांच के बीच जून में गिरफ्तार किया गया था।

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