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Surat: ''आदतन अपराधी हैं राहुल गांधी'', शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता की याचिका का किया विरोध

सूरत की एक अदालत ने मोदी सरनेम संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें 23 मार्च को दो साल जेल की सजा सुनाई थी। पूर्णेश मोदी ने अदालत से राहुल गांधी की याचिका पर आपत्ति दर्ज कराई।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 12 Apr 2023 05:02 PM (IST)
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Surat: ''आदतन अपराधी हैं राहुल गांधी'', शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता की याचिका का किया विरोध
सूरत, पीटीआई। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें कांग्रेस नेता ने यहां की एक अदालत में एक मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया।

बता दें कि राहुल गांधी की याचिका पर 13 अप्रैल दिन गुरुवार को सुनवाई होगी। पूर्णेश मोदी ने मंगलवार को राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका के खिलाफ हलफनामा दायर किया। 

राहुल गांधी के खिलाफ पूर्णेश मोदी

पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी पर अपने सहयोगियों और कांग्रेस नेताओं के माध्यम से अदालत के खिलाफ अनुचित और अपमानजनक टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया।

पूर्णेश मोदी ने अपने हलफनामे में कहा कि आरोपी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और 'राजनीतिक आलोचना और असहमति' के नाम पर इस तरह के मानहानिकारक और गैर-जिम्मेदाराना बयान देने के आदी हैं, जो या तो दूसरों को बदनाम करते हैं या फिर दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि आरोपी "आदतन अपराधी" (Repeat Offender) हैं और अपने मानहानिकारक बयानों के लिए दूसरों जगहों पर भी आरोपों का सामना कर रहा है। अपने हलफनामे में पूर्णेश मोदी ने 11 आपराधिक मामलों का जिक्र किया, जिनका राहुल गांधी सामना कर रहे हैं या फिर कर चुके हैं।

राहुल को हुई थी 2 साल की जेल

उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने 'मोदी सरनेम' संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें 23 मार्च को दो साल जेल की सजा सुनाई थी।

पूर्णेश मोदी ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. पी. मोगेरा की अदालत से राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका पर आपत्ति दर्ज कराई।

पूर्णेश मोदी ने कहा कि दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद भी आरोपी सार्वजनिक मंच पर मानहानिकारक बयान का समर्थन करता है। आरोपी न सिर्फ अपमानजनक बयान स्वीकार कर रहा है, बल्कि उसको भुनाने की कोशिश भी कर रहा है।

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