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Pentagon नहीं, 'Surat Diamond Bourse' बना विश्व का सबसे बड़ा कार्यालय; एक छत के नीचे काम करेंगे करीब 65000 लोग

भारत के सूरत में बनकर तैयार हो चुका है दुनिया का सबसे बड़ा कार्यालय। इस नवनिर्मित भवन का नाम सूरत डायमंड बुअस (एसडीबी) है। बुअस फ्रेंच भाषा में स्टॉक एक्सचेंज के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला शब्द है। यह भवन 15 मंजिला है और 35 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है। इसमें नौ आयताकार भवन हैं जो आपस में एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 19 Jul 2023 07:20 PM (IST)
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गुजरात के सूरत में बना विश्व का सबसे बड़ा कार्यालय।(फोटो सोर्स: जागरण)
जेएनएन, नई दिल्ली। Surat Diamond Bourse।  बीते आठ दशक से पेंटागन विश्व में सबसे बड़ा कार्यालय रहा है, लेकिन अब यह उपलब्धि भारत के नाम हो चुकी है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, सूरत शहर में हीरा कारोबार के लिए निर्मित विशालकाय भवन अब पेंटागन को पछाड़कर विश्व का सबसे बड़ा कार्यालय भवन बन चुका है।

रिपोर्ट के अनुसार पीएम नरेन्द्र मोदी आगामी नवंबर में इसका उद्घाटन करेंगे। पेंटागन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय है और वर्जीनिया प्रांत में स्थित है। करीब 65 लाख स्क्वायर फीट में बना यह भवन पांच मंजिला है और इसमें करीब 27 हजार सैन्य व गैर सैन्य कर्मी कार्य करते हैं।

आपस में जुड़े हैं नौ भवन 

इस नवनिर्मित भवन का नाम सूरत डायमंड बुअस (एसडीबी) है। बुअस फ्रेंच भाषा में स्टॉक एक्सचेंज के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला शब्द है। यह भवन 15 मंजिला है और 35 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है। इसमें नौ आयताकार भवन हैं, जो आपस में एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं।

71 लाख स्क्वायर फीट से अधिक का फ्लोर स्पेस उपलब्ध

एसडीबी में 65 हजार से अधिक लोगों के लिए काम करने की व्यवस्था होगी, जिनमें हीरे की कटाई और पॉलिश करने वालों के अलावा व्यापारी भी शामिल हैं। निर्माण करने वाली कंपनी के अनुसार इसमें 71 लाख स्क्वायर फीट से अधिक का फ्लोर स्पेस उपलब्ध है और इसे बनाने में चार वर्ष से अधिक का समय लगा है।

बता दें, सूरत को विश्व की डायमंड कैपिटल कहा जाता है। यहां विश्व के 90 प्रतिशत से अधिक हीरों की कटाई की जाती है।

हजारों लोगों की भागदौड़ बचेगी

एसडीबी को अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता के बाद भारतीय फर्म मार्फोजेनेसिस ने डिजाइन किया है। सीएनएन ने इस परियोजना के सीईओ महेश गाढ़वी के हवाले से कहा कि यह भवन हजारों लोगों को रोज की भागदौड़ से बचाएगा, विशेषकर व्यापार के लिए मुंबई जाने वालों को राहत मिलेगी।

पार्किंग और मनोरंजन क्षेत्र भी बनाया गया 

गाढ़वी का कहना है कि पेंटागन से आगे निकलना प्रतियोगिता का उद्देश्य नहीं था। परियोजना के आकार पर निर्णय आवश्यकता के अनुरूप किया गया है। इसका निर्माण आरंभ होने के पहले ही हीरा कंपनियों ने यहां कार्यालय के लिए स्थान खरीद लिया था।

एसडीबी की वेबसाइट के अनुसार इसमें 20 लाख स्क्वायर फीट का पार्किंग स्थल और मनोरंजन क्षेत्र भी है। एसडीबी कंपनी अधिनियम-2013 की धारा आठ के अंतर्गत पंजीकृत एक गैर लाभकारी संगठन है जिसे सूरत में हीरे के व्यापार के संवर्धन के लिए बनाया गया है।

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